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Shiv Ji Ke Mantra – Har Dukh Aur Rog Door Karne Ka Sarvottam Upay

Mayank Sri Aug 15, 2025 0

Shiv Ji Ke Mantra

सनातन धर्म में भगवान शिव को “महादेव”, “बोलेंनाथ” और “संहारकर्ता” के रूप में पूजा जाता है। वे न केवल विनाश के देवता हैं बल्कि करुणा, प्रेम और कल्याण के प्रतीक भी हैं।
मान्यता है कि शिव जी के मंत्र अगर सच्चे मन, श्रद्धा और नियम से जपे जाएं तो जीवन के हर दुख, कष्ट और रोग से मुक्ति मिल सकती है। इन मंत्रों का प्रभाव इतना गहरा है कि यह शरीर, मन और आत्मा — तीनों को शुद्ध कर देता है।

Table of Contents

Toggle
  • शिव मंत्रों का महत्व
  • शिव जी के प्रमुख मंत्र और उनके अर्थ
    • 1. ॐ नमः शिवाय (Om Namah Shivaya)
    • 2. महामृत्युंजय मंत्र (Mahamrityunjaya Mantra)
    • 3. रुद्र गायत्री मंत्र (Rudra Gayatri Mantra)
    • 4. शिव पंचाक्षरी मंत्र (Shiv Panchakshari Mantra)
  • शिव मंत्र जप की सही विधि
  • शिव मंत्र जप के लाभ
  • शिव मंत्र जप में ध्यान रखने योग्य बातें
  • निष्कर्ष

शिव मंत्रों का महत्व

शिव जी के मंत्र सिर्फ धार्मिक अनुष्ठान का हिस्सा नहीं हैं, बल्कि ये एक आध्यात्मिक विज्ञान भी हैं। इनकी ध्वनि तरंगें (Vibrations) हमारे भीतर ऊर्जा का संचार करती हैं और हमारे मानसिक तनाव को दूर करती हैं।

  • आध्यात्मिक लाभ: आत्मा की शुद्धि, ध्यान में स्थिरता, और मोक्ष की प्राप्ति।
  • मानसिक लाभ: नकारात्मक विचारों का नाश, मन की शांति, और आत्मविश्वास में वृद्धि।
  • शारीरिक लाभ: रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाना, रक्तचाप और तनाव कम करना।

शिव जी के प्रमुख मंत्र और उनके अर्थ

नीचे कुछ प्रमुख शिव मंत्र दिए गए हैं जो हर कष्ट और रोग को दूर करने में सहायक माने गए हैं।

1. ॐ नमः शिवाय (Om Namah Shivaya)

अर्थ: मैं शिव को नमन करता हूँ।
यह पंचाक्षरी मंत्र (ॐ + नमः + शिवाय) आत्मा को शांति और ऊर्जा प्रदान करता है।
लाभ: मानसिक तनाव दूर करना, आत्मिक बल बढ़ाना, जीवन में सकारात्मकता लाना।

2. महामृत्युंजय मंत्र (Mahamrityunjaya Mantra)

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्॥

अर्थ: तीन नेत्रों वाले शिव की हम पूजा करते हैं, जो जीवन को पुष्ट करते हैं। जैसे खीरा डंठल से अलग होता है, वैसे ही हमें मृत्यु और रोग से मुक्त करें।
लाभ: गंभीर बीमारियों में लाभ, अकाल मृत्यु से रक्षा, लंबी आयु।

3. रुद्र गायत्री मंत्र (Rudra Gayatri Mantra)

ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि।
तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥

अर्थ: हम महादेव के दिव्य स्वरूप को जानते हैं, वे हमें सद्बुद्धि प्रदान करें।
लाभ: बुद्धि, विवेक और साहस की वृद्धि, भय और संशय का नाश।

4. शिव पंचाक्षरी मंत्र (Shiv Panchakshari Mantra)

ॐ नमः शिवाय
अर्थ: भगवान शिव को मेरा नमन।
लाभ: यह सरल लेकिन अत्यंत शक्तिशाली मंत्र है, जिसे कोई भी जप सकता है।

शिव मंत्र जप की सही विधि

यदि आप चाहते हैं कि मंत्र जप का असर शीघ्र और गहरा हो, तो नीचे दिए गए नियमों का पालन करें:

1. सही समय का चयन

  • सुबह ब्रह्म मुहूर्त (4 बजे – 6 बजे) जप के लिए श्रेष्ठ है।
  • शिवरात्रि, सावन का सोमवार, या प्रदोष व्रत के दिन जप का विशेष महत्व होता है।

2. शुद्ध स्थान और आसन

  • मंत्र जप हमेशा शांत, पवित्र और साफ स्थान पर करें।
  • कुशासन या ऊन के आसन पर बैठें।

3. मंत्र का उच्चारण

  • मंत्र को स्पष्ट, मधुर और सही उच्चारण के साथ बोलें।
  • मंत्र जप माला (रुद्राक्ष माला) का उपयोग करें — 108 बार जप करें।

4. ध्यान और एकाग्रता

  • जप करते समय भगवान शिव का ध्यान करें — त्रिनेत्र, गले में नाग, और गंगाधर रूप में।
  • मन को अन्य विचारों से मुक्त रखें।

शिव मंत्र जप के लाभ

1. रोगों से मुक्ति

महामृत्युंजय मंत्र को “संजीवनी मंत्र” कहा जाता है। यह शरीर की ऊर्जा को पुनः सक्रिय करता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।

2. मानसिक शांति

“ॐ नमः शिवाय” जप से मानसिक तनाव, अवसाद और चिंता दूर होती है।

3. नकारात्मक ऊर्जा का नाश

शिव मंत्रों की शक्ति नकारात्मक ऊर्जा, बुरी नजर और बाधाओं को समाप्त करती है।

4. आयु और स्वास्थ्य

नियमित जप से शरीर स्वस्थ रहता है और दीर्घायु प्राप्त होती है।

शिव मंत्र जप में ध्यान रखने योग्य बातें

  1. जप के दौरान ध्यान भंग न हो, इसलिए बातचीत से बचें।
  2. माला को कभी नीचे न रखें।
  3. एक ही समय और स्थान पर रोजाना जप करने का प्रयास करें।
  4. शुद्ध आहार और सात्विक जीवनशैली अपनाएं।

निष्कर्ष

“शिव जी के मंत्र – हर दुख और रोग दूर करने का सर्वोत्तम उपाय” केवल एक धार्मिक मान्यता नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक विज्ञान भी है।
जब आप श्रद्धा, भक्ति और नियम से मंत्र जप करते हैं, तो आपके भीतर की नकारात्मक ऊर्जा नष्ट होती है, मन को शांति मिलती है और जीवन में सुख, स्वास्थ्य व समृद्धि का वास होता है।
भगवान शिव सदैव अपने भक्तों पर कृपा बरसाते हैं — बस आपको सच्चे मन से “ॐ नमः शिवाय” का जप करना है, और विश्वास रखना है कि महादेव हर संकट में आपके साथ हैं।

Mayank Sri

Website: http://mahakaltemple.com

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