Skip to content
  • Thursday, 25 September 2025
  • 6:38 pm
  • Follow Us
Bhasma Aarti & Daily Puja at Mahakal Temple
  • Home
  • Astrology
    • Free Janam Kundali
    • जानें आज का राशि फल
    • Route & Travel Guide
  • Home
  • आज से शुरू पितृपक्ष : जानिए क्यों जुड़ा है कर्ण और श्राद्ध का रहस्य
  • Navratri 4th Day : नवरात्रि का चौथा दिन माँ कूष्माण्डा की पूजा विधि, कथा और मंत्र
  • माँ ब्रह्मचारिणी : तपस्या और साधना का दिव्य स्वरूप
  • माँ चंद्रघंटा : शक्ति का दिव्य स्वरूप
  • नवरात्रि का तीसरा दिन: जानें माँ चंद्रघंटा की पूजा विधि, व्रत कथा और मंत्र
  • नवरात्रि का दूसरा दिन – माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा
Religion and Mythology

आज से शुरू पितृपक्ष : जानिए क्यों जुड़ा है कर्ण और श्राद्ध का रहस्य

Mayank Sri Sep 7, 2025 0
karna looking at the sky

पितृपक्ष (श्राद्ध पक्ष) हिंदू धर्म में 15 दिनों का वह विशेष काल है, जब हम अपने पूर्वजों (पितरों) का स्मरण करते हैं और उनके लिए श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान करते हैं। यह काल हर वर्ष भाद्रपद मास की पूर्णिमा के अगले दिन से शुरू होकर अमावस्या तक चलता है

इसका महत्व केवल धार्मिक कर्मकांड तक सीमित नहीं है, बल्कि पौराणिक कथाएँ हमें इसकी गहराई से जुड़े संदेश भी देती हैं। आज से शुरू हो रहे पितृपक्ष पर आइए विस्तार से जानें कि पुराणों और महाकाव्यों में इससे जुड़ी कहानियाँ क्या बताती हैं।


Table of Contents

Toggle
  • कर्ण की कथा : पितृपक्ष की नींव
  • गरुड़ पुराण में वर्णन
  • विष्णु पुराण का दृष्टिकोण
  • रामायण से जुड़ा प्रसंग
  • गया और पितृपक्ष का महत्व
  • पितृपक्ष और आत्मा की यात्रा
  • पितृपक्ष की सीख
  • निष्कर्ष

कर्ण की कथा : पितृपक्ष की नींव

पितृपक्ष की सबसे प्रसिद्ध कथा महाभारत के नायक दानवीर कर्ण से जुड़ी हुई है।

  • महाभारत युद्ध के बाद जब कर्ण स्वर्ग पहुँचे तो उन्हें भोजन की जगह केवल स्वर्ण, रत्न और आभूषण मिले।
  • उन्होंने आश्चर्यचकित होकर यमराज से पूछा कि उन्हें अन्न क्यों नहीं मिल रहा।
  • यमराज ने उत्तर दिया – “तुमने जीवन भर सोना और धन खूब दान किया, लेकिन कभी अपने पितरों को अन्न और जल का दान नहीं किया।”
  • पश्चाताप से भरे कर्ण ने प्रार्थना की कि उन्हें यह त्रुटि सुधारने का अवसर दिया जाए।
  • यमराज ने उन्हें 15 दिनों के लिए पृथ्वी पर लौटने की अनुमति दी। इस दौरान कर्ण ने अपने पितरों के लिए अन्न, जल और तर्पण किया।

इन्हीं 15 दिनों को आगे चलकर पितृपक्ष कहा जाने लगा।

सीख : दान केवल सोना-धन तक सीमित नहीं है, बल्कि अन्न और जल का दान सबसे बड़ा पुण्य माना जाता है।

गरुड़ पुराण में वर्णन

गरुड़ पुराण में बताया गया है कि मृत्यु के बाद आत्मा तीन ऋणों से जुड़ी रहती है—

  1. देव ऋण
  2. ऋषि ऋण
  3. पितृ ऋण
  • पितृ ऋण को चुकाने का माध्यम है – श्राद्ध और तर्पण।
  • इस काल में पितरों को धरती पर आने की अनुमति होती है।
  • वे अपने वंशजों द्वारा किए गए अन्न, जल और तिलदान से तृप्त होते हैं।
  • संतुष्ट होकर पितर आशीर्वाद देते हैं और उनकी कृपा से परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है।

सीख : पितरों का स्मरण केवल कर्मकांड नहीं बल्कि ऋणमुक्ति का साधन है।


विष्णु पुराण का दृष्टिकोण

विष्णु पुराण में पितृपक्ष और श्राद्ध को विशेष कर्तव्य माना गया है।

  • इसमें कहा गया है कि श्राद्ध करने से पितरों के साथ-साथ देवता और ऋषि भी प्रसन्न होते हैं।
  • जो व्यक्ति अपने पितरों को स्मरण करता है, उसे परलोक में श्रेष्ठ स्थान प्राप्त होता है।
  • श्राद्ध की उपेक्षा करने वाले वंशजों को जीवन में बार-बार कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।

सीख : पूर्वजों का सम्मान और स्मरण वंशजों का नैतिक और धार्मिक दायित्व है।


रामायण से जुड़ा प्रसंग

रामायण में भी श्राद्ध का उल्लेख मिलता है।

  • जब श्रीराम वनवास में पंचवटी में थे, तब उन्होंने अपने पितरों के लिए विधिपूर्वक श्राद्ध किया।
  • परिस्थितियाँ कठिन थीं, लेकिन उन्होंने इस कर्तव्य को निभाया।

सीख : चाहे जीवन में कितनी भी कठिनाई क्यों न हो, पूर्वजों के प्रति कर्तव्य निभाना सर्वोपरि है।


गया और पितृपक्ष का महत्व

भारत में पितृपक्ष के दौरान गया (बिहार) का विशेष महत्व है।

  • पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान विष्णु ने गया क्षेत्र में गयासुर नामक राक्षस का वध किया था।
  • गयासुर की देह पवित्र भूमि में परिवर्तित हो गई और वहीं पिंडदान की परंपरा शुरू हुई।
  • आज भी लाखों लोग गया में श्राद्ध और पिंडदान करने पहुँचते हैं, क्योंकि यहाँ किए गए कर्मकांड से पितरों को विशेष तृप्ति मिलती है।

सीख : पवित्र स्थलों पर किया गया दान और तर्पण आत्माओं की मुक्ति के लिए विशेष फलदायी माना जाता है।


पितृपक्ष और आत्मा की यात्रा

शास्त्रों में मृत्यु के बाद आत्मा की यात्रा का भी उल्लेख मिलता है।

  • मृत्यु के बाद आत्मा यमलोक की ओर प्रस्थान करती है।
  • यह यात्रा कठिन होती है और आत्मा को बल और संतोष की आवश्यकता होती है।
  • वंशजों द्वारा किए गए श्राद्ध और तर्पण से आत्मा को वह बल प्राप्त होता है।
  • पितृपक्ष के दिनों में पितर धरती पर लौटते हैं और अपने वंशजों के कर्मों से तृप्त होकर पुनः अपने लोक को जाते हैं।

सीख : वंशजों का हर कर्म केवल धरती पर ही नहीं, बल्कि परलोक में भी अपने पूर्वजों तक पहुँचता है।


पितृपक्ष की सीख

पितृपक्ष हमें सिर्फ़ कर्मकांड करने का संदेश नहीं देता, बल्कि जीवन जीने की दिशा भी दिखाता है।

  1. कृतज्ञता – हमारे पूर्वजों ने जो त्याग और संस्कार हमें दिए, उनके प्रति आभार प्रकट करना ही इस काल का मूल भाव है।
  2. सही दान का महत्व – कर्ण की कथा हमें बताती है कि अन्न और जल का दान सबसे बड़ा पुण्य है, क्योंकि यही जीवन का आधार है।
  3. परिवार की एकता – श्राद्ध केवल एक परंपरा नहीं, बल्कि पूरे परिवार को जोड़ने वाला सूत्र है।
  4. कर्म और परलोक – हमारे कर्म सिर्फ़ वर्तमान नहीं, बल्कि परलोक और आने वाली पीढ़ियों तक असर डालते हैं।
  5. जड़ों से जुड़ाव – पितृपक्ष हमें याद दिलाता है कि आधुनिक जीवन में भी अपनी परंपराओं और पूर्वजों से जुड़े रहना आवश्यक है।

👉 इस प्रकार पितृपक्ष केवल पूर्वजों की आत्मा की शांति का पर्व नहीं, बल्कि हमें जीवन में कृतज्ञता, संयम और सदाचार का मार्ग भी दिखाता है।


निष्कर्ष

पितृपक्ष केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि यह हमारी जड़ों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का अवसर है

  • कर्ण की कथा हमें दान का सही स्वरूप सिखाती है।
  • गरुड़ पुराण और विष्णु पुराण हमें पितृ ऋण और श्राद्ध का महत्व बताते हैं।
  • रामायण हमें कर्तव्यनिष्ठा की शिक्षा देती है।
  • गया का प्रसंग हमें याद दिलाता है कि पवित्र स्थलों पर किया गया कर्मकांड विशेष फलदायी होता है।

आज से शुरू हो रहे पितृपक्ष के ये 15 दिन हमें यह सिखाते हैं कि जीवन का आधार केवल वर्तमान नहीं, बल्कि अतीत भी है। पूर्वजों का आशीर्वाद ही वंश की प्रगति का मार्ग प्रशस्त करता है। इसलिए पितृपक्ष में किया गया हर अर्पण केवल एक कर्मकांड नहीं, बल्कि आत्मा की शांति और वंश की उन्नति का माध्यम है।


ज्ञान और भक्ति से जुड़ी और भी रोचक बातें जानने के लिए :

यहाँ दबाएँ


hindu dharma
Mayank Sri

Website: http://mahakaltemple.com

Related Story
Festivals and Celebrations Festivals and Traditions Hindu Deities Religion and Mythology
कैसे हुआ था माँ दुर्गा का जन्म? इस नवरात्रि जानें महिषासुर वध की पूरी कथा
Mayank Sri Sep 10, 2025
news God Hindu Deities Hinduism india mahakal Pray Mantras Religion and Mythology shiv shiv ji ka Gupt mantra
शिव साधना और श्री शिवाय नमस्ते तुंभ मंत्र
Mayank Sri Sep 9, 2025
बेलपत्र और शिवलिंग
news Religion and Mythology shiv
जानिए क्यों चढ़ाते हैं शिव जी को बेल पत्र – रहस्य, अनसुनी कथाएँ और वैज्ञानिक दृष्टि
Mayank Sri Sep 5, 2025
Kashi Vishwanath
news Aaj ka panchang God Hindu Deities Hindu Festivals Hinduism india mandir Panchang Religion & Spirituality Religion and Mythology rituals Spirituality & Religion Temple
Divine Visit: White Owl Graces Kashi Vishwanath Spire — A Blessing in Flight
Mayank Sri Sep 1, 2025
news mahakal Pray Mantras Religion and Mythology shiv Spirituality & Religion update गुप्त शिव मंत्र धार्मिक कथाएं
बेलपत्र: शिव की भक्ति और वास्तु दोनों में शक्तिशाली – जानें इसका सभी पक्ष
Mayank Sri Aug 29, 2025
news Aaj ka panchang God Hindu Deities Hinduism india mahakal Religion & Spirituality Religion and Mythology Religion and Spirituality shiv shiv ji ka Gupt mantra shiv Tandav shiva brahmastra
Sadashiva vs Mahadeva: Who is the Supreme God?
Mayank Sri Aug 25, 2025
God Hindu Deities Hinduism Religion and Mythology Shri Krishna shrikrishna धार्मिक
Krishna Ji Ke Mantra – Prem, Anand Aur Shanti Ka Sarvottam Sadhan
Mayank Sri Aug 15, 2025
news Hindu Deities Hinduism Religion & Spirituality Religion and Mythology rituals काशी धार्मिक यात्रा धार्मिक स्थल
काशी के घाट: गंगा किनारे की पूरी यात्रा
Mayank Sri Aug 10, 2025
shiv Hindu Deities Hinduism mandir Religion Religion & Spirituality Religion and Mythology Religion and Spirituality rituals Shri Krishna Spirituality Spirituality & Religion Spirituality and Culture Temple आध्यात्मिकता और संस्कृति धर्म और आध्यात्म धार्मिक धार्मिक स्थल धार्मिकता धार्मिकता और अध्यात्म धार्मिकस्थलानि मंदिर
एक जीवन, चार धाम: मोक्ष पाने की आध्यात्मिक एक्सपीडिशन
Mayank Sri Aug 6, 2025
Hindu Festivals Festivals and Celebrations Festivals and Traditions Mangal Dosha Religion & Spirituality Religion and Mythology
Chaitra Navratri 2025: The Colors of the Nine Days
mahakaltemple.com Mar 18, 2025

Leave a Reply
Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

YOU MAY HAVE MISSED
Navratri 4th Day : maa kushmanda
news
Navratri 4th Day : नवरात्रि का चौथा दिन माँ कूष्माण्डा की पूजा विधि, कथा और मंत्र
Mayank Sri Sep 25, 2025
news
माँ ब्रह्मचारिणी : तपस्या और साधना का दिव्य स्वरूप
Pinki Mishra Sep 24, 2025
news
माँ चंद्रघंटा : शक्ति का दिव्य स्वरूप
Pinki Mishra Sep 24, 2025
news
नवरात्रि का तीसरा दिन: जानें माँ चंद्रघंटा की पूजा विधि, व्रत कथा और मंत्र
Mayank Sri Sep 23, 2025