क्यों
मनाया जाता है धनतेरस का त्योहार :-


धनतेरस एक महत्वपूर्ण हिन्दू
त्योहार है जिसे भारत में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है.धनतेरस को दीपावली के पहले
दिन के रूप में मनाया जाता है, इस दिन का महत्व धन और समृद्धि की प्राप्ति के
साथ-साथ आर्थिक सुख, स्वास्थ्य, और धर्मिक सांस्कृतिक मूल्यों के साथ जुड़ा होता
है।और इसका महत्व वैज्ञानिक और आध्यात्मिक संदेशों के साथ होता है.

 

वैज्ञानिक
दृष्टिकोण से:

वैज्ञानिक रूप से, धनतेरस का
महत्व वायरोलॉजी और आर्थिक सुधार के संदर्भ में देखा जा सकता है. दीपावली के पूर्व
दिन, धनतेरस के दिन लोग चांदी और स्वर्ण के आभूषण खरीदने का प्रयास करते हैं.
चांदी और स्वर्ण धातु होते हैं, जिनका सौंदर्यिक और आर्थिक मूल्य उच्च होता है.
इसके माध्यम से, लोग अपने वित्तीय सामर्थ्य को बढ़ाने की कवि का प्रयास करते हैं.

 

आध्यात्मिक
दृष्टिकोण से:

भारतीय संस्कृति में, स्वास्थ्य
का स्थान धन के साथ माना जाता है। धन का होना जरूरी है, लेकिन स्वास्थ्य ही असली
धन है, यह कहावत आज भी प्रचलित है कि ‘पहला सुख निरोगी काया, दूजा सुख घर में
माया’ इसलिए दीपावली में सबसे पहले धनतेरस को महत्व दिया जाता है।

शास्त्रों में वर्णित कथाओं के
अनुसार समुद्र मंथन के दौरान कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी के दिन भगवान धनवंतरी अपने
हाथों में अमृत कलश लेकर प्रकट हुए। मान्यता है कि भगवान धनवंतरी विष्णु के
अंशावतार हैं। संसार में चिकित्सा विज्ञान के विस्तार और प्रसार के लिए ही भगवान
विष्णु ने धनवंतरी का अवतार लिया था। भगवान धनवंतरी के प्रकट होने के उपलक्ष्य में
ही धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है।

 

धनतेरस
के दिन क्या करें:

«  धनी खरीददारी: धनतेरस के दिन, आप अपने
आर्थिक स्थिति और सुख-संपत्ति को बढ़ाने के लिए चांदी या स्वर्ण के आभूषण खरीद
सकते हैं.

 

«  धन्य पूजा: घर पर धनतेरस की धातुओं की
मूर्तियों की पूजा करें और धन कुबेर और मृत्यु यमराज के लिए दीप दान करें.

 

«  लक्ष्मी पूजा: धनतेरस के दिन, लक्ष्मी
माता की पूजा करना भी महत्वपूर्ण है। घर को सफाई और सजावट करनी चाहिए |

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