महाविष्णु पुराण: एक संपूर्ण परिचय
विष्णु पुराण हिन्दू धर्म के अठारह महापुराणों में से एक प्रमुख ग्रंथ है, जिसका स्वरूप और विषयवस्तु वैष्णव सम्प्रदाय में अत्यधिक सम्मानित है। महाकालटेम्पल.कॉम के लिए प्रस्तुत इस लेख में हम विष्णु पुराण की संरचना, कलियुग-वर्णन, श्रीकृष्ण संबंधी विवरण, अध्याय एवं अंशों की संख्या आदि पर विस्तृत चर्चा करेंगे। साथ ही, हिंदी में उपलब्ध vishnu puran pdf, vishnu puran in hindi, vishnu puran hindi pdf जैसी कीवर्ड्स का उल्लेख कर, इसे SEO दृष्टि से भी समृद्ध बनाया गया है।
1. विष्णु पुराण में अंशों (भागों) की संख्या
विष्णु पुराण की मौजूदा संहिता छह अंशों (parts या अम्श) में विभाजित है। ये छह अंश निम्नलिखित हैं:
- प्रथम अंश (Book One)
- द्वितीय अंश (Book Two)
- तृतीय अंश (Book Three)
- चतुर्थ अंश (Book Four)
- पंचम अंश (Book Five – कृष्ण अवतार)
- षष्ठ अंश (Book Six)
यह विभाजन ग्रंथ को विषयानुसार क्रमबद्ध रूप से प्रस्तुत करने में सहायक है, जहाँ प्रत्येक अंश में सर्ग, प्रतीसर्ग, वंश, मन्वन्तर, वंशानुचरित आदि पाँच लक्षण (पंचलक्षण) अंगों का व्यवस्थित विवरण मिलता है। (en.wikipedia.org)
2. विष्णु पुराण में अध्यायों की संख्या
विष्णु पुराण के छह अंशों में कुल 126 अध्याय (अध्याय = chapters) शामिल हैं। प्रत्येक अंश में अध्यायों की संख्या इस प्रकार है:
- प्रथम अंश: 22 अध्याय
- द्वितीय अंश: 16 अध्याय
- तृतीय अंश: 18 अध्याय
- चतुर्थ अंश: 24 अध्याय
- पंचम अंश: 38 अध्याय
- षष्ठ अंश: 8 अध्याय
इन अध्यायों में विविध धार्मिक, पौराणिक एवं ऐतिहासिक कथाएँ, ब्रह्माण्ड-रचना की कहानियाँ, वंशावली, मन्वन्तर-सूचियां एवं विभिन्न अवतारों का वर्णन मिलता है। (en.wikipedia.org)
3. कलियुग का वर्णन विष्णु पुराण में
विष्णु पुराण में कलियुग का विशेष उल्लेख मिलता है, जिसके बारे में प्रमुख बिंदु निम्नलिखित हैं:
- कलियुग की समय-सीमा ४,३२००० वर्ष (432,000 solar years) मानी गई है, जो चारों युगों में सबसे संक्षिप्त एवं कलुषित माना जाता है।
- पौराणिक स्रोतों के अनुसार, जो दिन श्रीकृष्ण ने पृथ्वी छोड़ी, उसी दिन द्वापर युग का अंत एवं कलियुग का आरंभ हुआ। इसका आरंभ तिथि १७/१८ फरवरी ३१०२ ई.पू. माना जाता है। (en.wikipedia.org)
- कलियुग में धर्म की स्थिति एक टेबल की चार में से केवल एक टांग बचने जैसी होती है; सत्य, दान, तप और क्षमा जैसे गुण क्षीण हो जाते हैं। समाज में असत्य, मतभेद, क्रोध, लोभ, मिथ्या व्यवहार एवं अधर्म का वर्चस्व रहेगा। (en.wikipedia.org)
- विशिष्ट पंरपरा यह भी बताती है कि कलियुग के प्रारंभिक १०,००० वर्षों तक ध्यान एवं भक्ति योगियों के कारण कलियुग के कुप्रभाव कुछ हद तक नियंत्रित रहेंगे, परन्तु इसके बाद ईश्वरभक्ति का स्वरूप क्षीण हो जाएगा। (en.wikipedia.org)
4. श्रीकृष्ण का विष्णु पुराण में वर्णन
विष्णु पुराण का पंचम अंश (Book Five) श्रीकृष्ण को समर्पित है, जिसमें उनके जीवन चरित एवं लीलाओं का विस्तृत विवरण मिलता है। प्रमुख अंश:
- जन्म एवं बाल्यावस्था: मथुरा के राक्षस-आधिपत्य से उद्धार हेतु देवकी और वसुदेव के गर्भ से श्रीकृष्ण का अवतरण।
- बाल लीला: गोवर्धन पर्वत उठाना, कालिया नाग संवर्धन, माखन चोरियां, वृन्दावन की रास–लीला आदि वर्णित हैं।
- कृश्णकंस वध: मथुरा के तानाशाह कंस का संहार तथा द्वारपालाक के रूप में उनका आदर-सम्मान।
- गीता उपदेश: महाभारत युद्ध से पूर्व श्रीकृष्ण द्वारा अर्जुन को दिया गया गीता का सारांश (संक्षेप), जो कर्म, ज्ञान एवं भक्ति योग का उत्कृष्ट मिश्रण है।
- कालियुगी संदर्भ: श्रीकृष्ण के पृथ्वी त्याग के पश्चात द्वापर युग से कलियुग परिवर्तन का वर्णन भी पंचम अंश में मिलता है। (en.wikipedia.org)
5. महाविष्णु पुराण के अन्य मुख्य विषय
5.1 सृष्टि एवं प्रतिसृष्टि (Cosmogony & Cosmology)
प्रथम अंश में ब्रह्माण्ड की रचना, देवों का उद्भव, समुद्र मंथन, शेषशायी रूप में विष्णु आदि का वर्णन मिलता है।
5.2 वंशवृत्तांत (Genealogy)
द्वितीय अंश में देवताओं, ऋषियों, मनु वंशों, चक्रवर्ती सम्राटों की वंशावली और मन्वन्तर चक्रों का विस्तृत विवरण है।
5.3 मन्वन्तर (Cosmic Cycles)
तृतीय अंश में विभिन्न मन्वन्तरों के प्रारंभ और अंत का कालक्रम, मनु-शासकों की कथाएँ एवं मानव-जाति के उत्थान-पतन का वृत्तान्त मिलता है।
5.4 वंशानुचरित (Legends of Kings & Sages)
चतुर्थ अंश में अनेकों राजाओं, महाभागों एवं महापुरुषों की कथाएं प्रस्तुत हैं, जिनसे जीवन-दर्शन एवं नैतिक शिक्षा मिलती है।
6. महाविष्णु पुराण हिंदी संस्करण और PDF संसाधन
यदि आप vishnu puran in hindi, vishnu puran hindi pdf, या maha vishnu puran pdf डाउनलोड करना चाहते हैं, तो महाकालटेम्पल.कॉम पर उपलब्ध संसाधनों का लाभ उठा सकते हैं। यहाँ मूल संस्कृत श्लोकों के साथ हिंदी अनुवाद और टीका-पाठ भी उपलब्ध हैं।
डाउनलोड करें: महाविष्णु पुराण हिंदी पीडीएफ
7. निष्कर्ष
विष्णु पुराण एक समग्र धर्मग्रंथ है, जिसमें ब्रह्माण्ड-रचना से लेकर भविष्यवाणियों एवं विशिष्ट अवतारों का समावेश है। छह अंश तथा 126 अध्याय में विभाजित इस पुराण में कलियुग का विस्तृत वर्णन एवं श्रीकृष्ण के व्यक्तित्व व लीलाओं का उत्कट प्रस्तुतीकरण मिलता है। हिंदू धर्मावलम्बियों के लिए यह ग्रंथ ज्ञान, भक्ति व दर्शन का अमृत है।
संदर्भ
- विष्णु पुराण का संक्षिप्त परिचय एवं संरचना (en.wikipedia.org)
- कलियुग का वर्णन (en.wikipedia.org)
- श्रीकृष्ण पंचम अंश विवरण (en.wikipedia.org)