गरुड़ पुराण के अनुसार मरने के बाद क्या होता है? | Garud Puran Marne Ke Baad Kya Hota Hai?
गरुड़ पुराण हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है जो जीवन, मृत्यु और परलोक संबंधी रहस्यों का विस्तारपूर्वक वर्णन करता है। इसमें मृत्यु के पश्चात आत्मा की यात्रा, यमलोक की प्रक्रिया, पाप-पुण्य का फल, और मोक्ष के मार्ग का उल्लेख किया गया है।
🕉 गरुड़ पुराण क्या है?
Garud Puran Kya Hai?
गरुड़ पुराण, अठारह महापुराणों में से एक है, जिसे भगवान विष्णु ने अपने वाहन गरुड़ को सुनाया था। यह पुराण दो मुख्य भागों में बँटा है:
- पूर्व खंड – धर्म, भक्ति, संस्कार, तीर्थ, योग आदि का वर्णन
- उत्तर खंड – मृत्यु, आत्मा की यात्रा, नरक-यात्रा और पापों का फल
⚰ मरने के बाद क्या होता है?
Marne Ke Baad Kya Hota Hai Garud Puran Ke Anusar
गरुड़ पुराण के अनुसार जब कोई व्यक्ति मरता है, तब उसकी आत्मा शरीर छोड़कर यमदूतों द्वारा यमलोक की यात्रा पर निकलती है। वहाँ आत्मा से उसके कर्मों का लेखा-जोखा पूछा जाता है और फिर उसे उसके पाप-पुण्य के अनुसार नरक या स्वर्ग भेजा जाता है।
🛤 आत्मा की 16 दिन की यात्रा:
- 13वें दिन तक आत्मा मृत शरीर के आस-पास रहती है।
- 16वें दिन यमराज के दूत आत्मा को यमलोक ले जाते हैं।
- 48 दिन से लेकर 1 वर्ष तक आत्मा कर्मफल के अनुसार विभिन्न लोकों में विचरण करती है।
🧾 गरुड़ पुराण पढ़ने के नियम
Garud Puran Padhne Ke Niyam
- गरुड़ पुराण आमतौर पर किसी की मृत्यु के बाद तेरहवीं तक पढ़ा जाता है।
- इसे शुद्धता, आस्था और ध्यानपूर्वक पढ़ना चाहिए।
- यह पाठ आत्मा की शांति और जीवित लोगों को धर्म और कर्म का बोध कराता है।
📘 गरुड़ पुराण सुनने से क्या होता है?
Garud Puran Sunne Se Kya Hota Hai?
- पापों का नाश होता है।
- आत्मा की मुक्ति में सहायता मिलती है।
- श्रोताओं को धर्म, कर्म, मोक्ष का बोध होता है।
- मानसिक शांति और वैराग्य की भावना उत्पन्न होती है।
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❓ गरुड़ पुराण कब पढ़ना चाहिए या नहीं?
- मृत्यु के समय या किसी की तेरहवीं तक इसे पढ़ना या सुनना शुभ माना जाता है।
- यह आत्मा को मोक्ष देने वाला और शोकाकुल परिवार को जीवन का सत्य समझाने वाला ग्रंथ है।