कृष्ण जन्माष्टमी का महत्व
कृष्ण जन्माष्टमी हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जो भगवान श्रीकृष्ण के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। यह त्योहार भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण के भक्त व्रत रखते हैं और विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों का पालन करते हैं।
व्रत की तिथि
कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत आमतौर पर अगस्त या सितंबर के महीने में आता है। यह तिथि पंचांग के अनुसार हर साल बदलती रहती है। इस वर्ष, कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत 6 सितंबर 2023 को मनाया जाएगा। भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की आठवीं तिथि को यह व्रत रखा जाएगा।
व्रत के नियम और परंपराएँ
कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत रखने वाले भक्त अपने उपवास के दौरान पूरी शुद्धता का ध्यान रखते हैं। भक्त दिनभर उपवास रखते हैं और रात को भगवान श्रीकृष्ण की आराधना के बाद फलाहार का सेवन करते हैं। इस दिन मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना और भजन-कीर्तन का आयोजन किया जाता है। रात को 12 बजे भगवान श्रीकृष्ण की विशेष आरती और जन्मोत्सव का आयोजन होता है।
कृष्ण जन्माष्टमी का सांस्कृतिक महत्व
कृष्ण जन्माष्टमी केवल धार्मिक ही नहीं बल्कि सांस्कृतिक रूप से भी बहुत महत्वपूर्ण है। इस दिन नंदोत्सव, मटकी फोड़ प्रतियोगिता, और अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होते हैं। यह त्योहार एकता और उत्सव की भावना को बल देता है।