करवा चौथ एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जो मुख्य रूप से विवाहित महिलाएँ अपने पति की लंबी उम्र के लिए मनाती हैं। इस दिन महिलाएँ उपवासी रहकर चाँद के निकलने का इंतजार करती हैं। करवा चौथ पर सास-बहू का रिश्ता और भी खास हो जाता है, क्योंकि यह दिन सास और बहू के बीच प्रेम और सम्मान को दर्शाता है।
करवा क्या होता है?
“करवा” एक मिट्टी के बर्तन को कहते हैं, जिसमें पानी और कुछ अन्य सामग्री रखी जाती है। यह बर्तन करवा चौथ पूजा के दौरान विशेष रूप से पूजा जाता है। करवा चौथ की पूजा का उद्देश्य पति की लंबी उम्र और खुशहाल जीवन की कामना करना है।
सर्गी क्या होती है?
सर्गी उस भोजन को कहा जाता है, जो सास अपने बहू को करवा चौथ के दिन सुबह खाने के लिए देती है। इसमें आमतौर पर मिठाइयाँ, फल और स्नैक्स होते हैं। सर्गी का महत्व इस बात में है कि यह बहू को पूरे दिन उपवासी रहने के लिए ऊर्जा प्रदान करती है।
Karwa Chauth 2024: करवा चौथ पर सास-बहू एक-दूसरे को क्या खास तोहफे देती हैं?
बाहों से सास को क्या देती हैं?
करवा चौथ पर बहू अपनी सास को मिठाइयाँ, फल और विशेष उपहार देकर अपना आभार व्यक्त करती है। यह उपहार न केवल प्यार और सम्मान का प्रतीक होते हैं, बल्कि पारिवारिक बंधनों को मजबूत करने में भी सहायक होते हैं।
बाहों से सास को क्या देती हैं?
सास अपनी बहू को आशीर्वाद देती हैं और उसे सर्गी में विशेष खाद्य पदार्थ देती हैं। इसके अलावा, सास अपने बहू को परिवार की परंपराएँ और संस्कारों को सिखाने का काम भी करती हैं, जिससे बहू का संबंध परिवार के साथ और मजबूत होता है।
सास-बहू का रिश्ता और करवा चौथ की परंपरा
करवा चौथ पर सास और बहू का रिश्ता और भी मजबूत होता है। यह दिन उन्हें एक-दूसरे के प्रति स्नेह और सम्मान दिखाने का अवसर प्रदान करता है। बहू अपनी सास की उपस्थिति और आशीर्वाद को महत्व देती है, जबकि सास भी बहू की खुशियों में शामिल होती हैं।
करवा चौथ की अन्य विशेषताएँ
इस दिन के कई रिवाज और रस्में होती हैं, जैसे कि उपवास रखना, पूजा करना और चाँद के दर्शन करना। यह एक ऐसा अवसर है जब परिवार के सभी सदस्य एक साथ मिलकर इस पावन पर्व का जश्न मनाते हैं।
निष्कर्ष
करवा चौथ का सांस्कृतिक महत्व सिर्फ पति-पत्नी के रिश्ते तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सास-बहू के रिश्ते में भी गहराई लाता है। यह पर्व सास-बहू के बीच प्रेम और सहयोग का प्रतीक है, जो परिवार को एकजुट करने का कार्य करता है।
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