गणपतिस्तवः पाठभेद | Ganapati Stavaha: श्री गणेश की स्तुति का प्राचीन पाठ
गणपतिस्तवः पाठभेद | Ganapati Stavaha ऋषिरुवाच ॥ अजं निर्विकल्पं निराकारमेकं निरानन्दमानन्दमद्वैतपूर्णम् । परं निर्गुणं निर्विशेषं निरीहं परब्रह्मरूपं गणेशं भजेम ॥ १॥ गुणातीतमानं चिदानन्दरूपं चिदाभासकं सर्वगं ज्ञानगम्यम् । मुनिध्येयमाकाशरूपं परेशं परब्रह्मरूपं…