संकटमोचन हनुमान अष्टक | Sankatmochan Hanuman Ashtak : संकटों का नाश करने वाला स्तोत्र
संकटमोचन हनुमान अष्टक | Sankatmochan Hanuman Ashtak : संकटों का नाश करने वाला स्तोत्र बाल समय रवि भक्षि लियो तब, तीनहुं लोक भयो अंधियारों I ताहि सो त्रास भयो जग…
संकटमोचन हनुमान अष्टक | Sankatmochan Hanuman Ashtak : संकटों का नाश करने वाला स्तोत्र बाल समय रवि भक्षि लियो तब, तीनहुं लोक भयो अंधियारों I ताहि सो त्रास भयो जग…
बजरंग बाण ध्यान | Shri Bajrang Ban श्रीराम अतुलित बलधामं हेमशैलाभदेहं। दनुज वन कृशानुं, ज्ञानिनामग्रगण्यम्।। सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं। रघुपति प्रियभक्तं वातजातं नमामि।। दोहा : निश्चय प्रेम प्रतीति ते, विनय करैं सनमान।…
श्री हनुमान चालीसा । Hanuman Chalisa ॥ दोहा ॥ श्री गुरु चरण सरोज रज, निज मन मुकुरु सुधारि। बरनऊं रघुवर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि। बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरो…
बाबा विश्वनाथ श्रृंगार आरती दर्शन बाबा विश्वनाथ श्रृंगार आरती दर्शन का अनुभव काशी विश्वनाथ मंदिर में भक्तों के लिए अत्यधिक पवित्र और अद्वितीय है। काशी, जिसे वाराणसी भी कहा जाता…
भारतीय संस्कृति में श्राद्ध का विशेष महत्व है। यह एक ऐसा अनुष्ठान है जिसके माध्यम से हम अपने पूर्वजों को तर्पण करते हैं। मातृ नवमी श्राद्ध 2024 (Matru Navami Shraddh…
मोक्ष प्राप्ति के लिए पढ़ें पंचश्लोकी गणेशपुराण भगवान श्रीगणेश की प्रतिमा के सामने अथवा किसी मंदिर में गणेशजी के सामने बैठकर जो मनुष्य प्रतिदिन भक्तिभाव से पंचश्लोकी गणेशपुराण का पाठ…
Ganesha Mahimna Stotra | श्री गणेश महिमा स्तोत्र अनिर्वाच्यं रूपं स्तवननिकरो यत्र गलित- स्तथा वक्ष्ये स्तोत्रं प्रथमपुरुषस्यात्र महतः। यतो जातं विश्वं स्थितमपि च सदा यत्र विलयः स कीदृग्गीर्वाणः सुनिगमनुतः श्रीगणपतिः…
Shri Ganesh Avatar Stotram | श्रीगणेशावतारस्तोत्रम् आङ्गिरस उवाच । अनन्ता अवताराश्च गणेशस्य महात्मनः । न शक्यते कथां वक्तुं मया वर्षशतैरपि ॥ १॥ संक्षेपेण प्रवक्ष्यामि मुख्यानां मुख्यतां गतान् । अवतारांश्च तस्याष्टौ…
श्रीगणेशस्तोत्रं प्रह्लादकृतम् | Shri Ganesha Stotram Prahladakritam अधुना शृणु देवस्य साधनं योगदं परम् । साधयित्वा स्वयं योगी भविष्यसि न संशयः ॥ १॥ स्वानन्दः स्वविहारेण संयुक्तश्च विशेषतः । सर्वसंयोगकारित्वाद् गणेशो मायया…
श्री विष्णु कृतं गणेश स्तोत्र | Shri Vishnu krutam-Ganesh Stotram ईश त्वां स्तोतुमिच्छामि ब्रह्मज्योतिः सनातनम् । निरुपितुमशक्तोsहमनुरुपमनीहकम् ॥ १ ॥ प्रवरं सर्वदेवानां सिद्धानां योगिनां गुरुम् । सर्वस्वरुपं सर्वेशं ज्ञानराशिस्वरुपिणम् ॥…