Durga Ashtami Kab Hai 2024? शारदीय नवरात्रि अष्टमी 2024 हिंदू धर्म में सबसे महत्वपूर्ण पर्वों में से एक मानी जाती है। नवरात्रि के आठवें दिन को अष्टमी कहा जाता है, जिसे महाष्टमी भी कहा जाता है। इस दिन मां दुर्गा के महागौरी स्वरूप की पूजा की जाती है। वर्ष 2024 में यह तिथि खास बन रही है, क्योंकि इसे लेकर 10 और 11 अक्टूबर के बीच भ्रम है कि अष्टमी पूजा किस दिन की जाए। आइए जानते हैं शारदीय नवरात्रि अष्टमी 2024 की सही तारीख, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।
शारदीय नवरात्रि अष्टमी 2024 की तिथि – Durga Ashtami Kab Hai 2024?
Durga Ashtami Kab Hai 2024? – 2024 में शारदीय नवरात्रि का प्रारंभ 2 अक्टूबर से हो रहा है, और अष्टमी तिथि 10 और 11 अक्टूबर को पड़ रही है। पंचांग के अनुसार, अष्टमी तिथि का प्रारंभ 10 अक्टूबर 2024 को रात 9:53 बजे से होगा और इसका समापन 11 अक्टूबर 2024 को रात 7:58 बजे होगा।
इसलिए, अधिकांश भक्त 11 अक्टूबर को अष्टमी पूजा करेंगे, क्योंकि उस दिन अष्टमी तिथि का मुख्य समय दिन के दौरान रहेगा।
शारदीय नवरात्रि अष्टमी 2024 का शुभ मुहूर्त
अष्टमी पूजा के लिए शुभ मुहूर्त इस प्रकार है:
- अष्टमी तिथि प्रारंभ: 10 अक्टूबर 2024, रात 9:53 बजे
- अष्टमी तिथि समाप्त: 11 अक्टूबर 2024, रात 7:58 बजे
पूजा के लिए अभिजीत मुहूर्त या विजय मुहूर्त सबसे उत्तम माने जाते हैं। ये शुभ मुहूर्त 11 अक्टूबर के दिन के समय पड़ेंगे। आप स्थानीय पंचांग से सही मुहूर्त जान सकते हैं।
शारदीय नवरात्रि अष्टमी पूजा विधि
शारदीय नवरात्रि अष्टमी 2024 के दिन मां दुर्गा की महागौरी स्वरूप में पूजा की जाती है। पूजा विधि इस प्रकार है:
- स्नान और शुद्धि: पूजा से पहले स्वयं को शुद्ध करें और नए या साफ कपड़े पहनें।
- दुर्गा प्रतिमा की स्थापना: मां दुर्गा की प्रतिमा या चित्र को साफ स्थान पर रखें और उन्हें लाल या सफेद वस्त्र पहनाएं।
- कलश स्थापना: एक कलश में पानी भरकर उसके ऊपर नारियल रखें और उसे मां दुर्गा के सामने रखें।
- मंत्रोच्चार और आवाहन: मां दुर्गा का आवाहन करने के लिए दुर्गा सप्तशती या दुर्गा चालीसा का पाठ करें।
- अष्टमी भोग: मां दुर्गा को विशेष रूप से हलवा, पूड़ी, और चने का भोग लगाएं। इसके साथ नारियल, फूल, फल और मिठाई भी अर्पित करें।
- कन्या पूजन: नवरात्रि की अष्टमी पर कन्या पूजन का विशेष महत्व होता है। 9 कन्याओं को आमंत्रित करें और उन्हें भोजन कराएं। उन्हें उपहार और दक्षिणा दें।
- आरती: पूजा समाप्ति के बाद मां दुर्गा की आरती करें और प्रसाद को सभी में वितरित करें।
अष्टमी का विशेष महत्व
अष्टमी तिथि को दुर्गा अष्टमी के रूप में मनाया जाता है, जो नवरात्रि के सबसे महत्वपूर्ण दिनों में से एक है। इस दिन मां दुर्गा के महागौरी रूप की पूजा की जाती है, जो शुद्धता, शांति और सद्भाव का प्रतीक है। इस दिन दुर्गा सप्तशती का पाठ, हवन और कन्या पूजन विशेष फलदायी माने जाते हैं।
निष्कर्ष
शारदीय नवरात्रि अष्टमी 2024 10 और 11 अक्टूबर को पड़ रही है, लेकिन अधिकांश लोग 11 अक्टूबर को ही अष्टमी पूजा करेंगे, क्योंकि उस दिन अष्टमी तिथि का प्रमुख समय है। शुभ मुहूर्त और सही विधि से मां दुर्गा की पूजा करने से विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस दिन को श्रद्धा और भक्ति से मनाने से घर में सुख-शांति और समृद्धि का वास होता है।
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