श्री पंचमुखी महाभगवद्धनुमदारती – Shri Panchmukhi Mahabhagwaddhanumdarati
जय-जय पंचमुखी हनुमाना।।1।।
प्रथमहि वानर वदन विराजे।।2।।
छबि बल काम कोट तंहराजे।।3।।
पशुपति शंभु भवेश समाना।।4।।
जय-जय पंचमुखी हनुमाना।।5।।
अतुलित बल तनु तेज विराजे।।6।।
रवि शशि कोट तेज छवि राजे।।7।।
रघुवर भक्त लसत तपखाना।।8।।
जय-जय पंचमुखी हनुमाना।।9।।
अञ्जनि पुत्र पवन सुत राजे।।10।।
महिमा शेष कोटि कहि राजे।।11।।
रघुवर लक्ष्मण करत बखाना।।12।।
जय-जय पंचमुखी हनुमाना।।13।।
दिग मंडल यश वृन्द विराजे।।14।।
अद्भुत रूप राम वर काजे।।15।।
तनुधर पंचमुखी हनुमाना।।16।।
जय-जय पंचमुखी हनुमाना।।17।।
भक्त शिरोमणि राज विराजे।।18।।
भक्त हृदय मानस वर राजे।।19।।
ईश्वर अव्यय आद्य समाना।।20।।
जय-जय पंचमुखी हनुमाना।।21।।
दूसर मुख नरहरी1 विराजे।।22।।
शोभा धाम भक्त किय राजे।।23।।
अनुपम ब्रह्मरूप भगवाना।।24।।
जय-जय पंचमुखी हनुमाना।।25।।
तीसर तनखग` राज विराजे।।26।।
महिमा वेद बखानत राजे।।27।।
हनुमत अच्युत हरि सुखखाना।।28।।
जय-जय पंचमुखी हनुमाना।।29।।
सूर्यरूप वाराह`2 विराजे।।30।।
वेद तत्व परमेश्वर राजे।।31।।
जय दाता भिलषित वर दाना।।32।।
जय-जय पंचमुखी हनुमाना।।33।।
ऊर्ध्व हयानन3 राज विराजे।।34।।
सद्ज्ञानाग्र वरद विभुराजे।।35।।
धन्य-धन्य दरशन भगवाना।।36।।
जय-जय पंचमुखी हनुमाना।।37।।
सर्वाभरण विचित्र विराजे।।38।।
कुण्डल मुकुट विभूषण राजे।।39।।
दशकर पंकज आयुध माना।।40।।
जय-जय पंचमुखी हनुमाना।।41।।
दिव्य वदनतिथि नयन विराजे।।42।।
शब सुन्दर आसन विधि राजे।।43।।
युगल चरण नखद्युति हरखाना।।44।।
जय-जय पंचमुखी हनुमाना।।45।।
महाराज शुभ धाम विराजे।।46।।
रोम-रोम रघुराज विराजे।।47।।
मनहर सुखकर गात निधाना।।48।।
जय-जय पंचमुखी हनुमाना।।49।।
जय दायक वरदायक माना।।50।।
जय-जय पंचमुखी हनुमाना।।51।।
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