ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर कहाँ है? (Where is Omkareshwar Jyotirlinga Temple)

मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में स्थित ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग भारत के 12 पवित्र ज्योतिर्लिंगों में से एक है। नर्मदा नदी के मध्य में मांदाता पर्वत पर स्थित इस ज्योतिर्लिंग का नाम ‘ओंकार’ से प्रेरित है, जो भगवान शिव के शाश्वत और अनंत रूप का प्रतीक है। हर साल हजारों भक्त भगवान शिव की पूजा करने के लिए इस पवित्र स्थान पर आते हैं, जिससे यह एक प्रमुख तीर्थ स्थल बन गया है।

ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग का धार्मिक महत्व


ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग की विशेषता यह है कि यह दो ज्योतिर्लिंगों के समूह का हिस्सा है – एक ओंकारेश्वर और दूसरा ममलेश्वर। दोनों मंदिर नर्मदा नदी के तट पर स्थित हैं और धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, भगवान शिव ने अपने भक्त राजा मांदाता और उनके वंशजों की तपस्या से प्रसन्न होकर उन्हें आशीर्वाद दिया था। यहां शिवलिंग के दर्शन करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है और सभी पापों से मुक्ति मिलती है। ओंकारेश्वर का इतिहास और पुराणों में उल्लेख
पुराणों में वर्णित कथा के अनुसार राजा मांदाता ने यहां भगवान शिव की कठोर तपस्या की थी। उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान शिव यहां ज्योतिर्लिंग के रूप में प्रकट हुए और उन्हें दर्शन दिए। इस स्थान का उल्लेख शिव पुराण, स्कंद पुराण और अन्य धार्मिक ग्रंथों में भी मिलता है। इसके अलावा इस स्थान का धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व आदि शंकराचार्य से भी जुड़ा है, जिन्होंने यहीं ध्यान करके ज्ञान प्राप्त किया था।

ओंकारेश्वर के दर्शन और दर्शन का महत्व

ओंकारेश्वर के दर्शन का विशेष महत्व है। यह स्थान भगवान शिव के ‘ओंकार’ स्वरूप का प्रतीक है, जो ब्रह्मांड के निर्माण, पालन और विनाश का प्रतिनिधित्व करता है। भक्त यहां आकर भगवान शिव की पूजा करते हैं और जीवन में सुख, शांति और समृद्धि की कामना करते हैं। नर्मदा नदी के तट पर स्थित यह ज्योतिर्लिंग प्राकृतिक सुंदरता से घिरा हुआ है, जिससे यहां का वातावरण बेहद शांत और आध्यात्मिक हो जाता है।

ओंकारेश्वर पहुंचने के साधन

ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर जाने के लिए सबसे नजदीकी बड़ा शहर इंदौर है, जो यहां से करीब 80 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इंदौर से ओंकारेश्वर पहुंचने के लिए बस और टैक्सी की सुविधा उपलब्ध है। इसके अलावा, सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन खंडवा है, जो करीब 60 किलोमीटर दूर है। हवाई यात्री इंदौर एयरपोर्ट तक पहुंच सकते हैं, जहां से मंदिर तक आसानी से पहुंचा जा सकता है।

निष्कर्ष
ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि यह शिव भक्तों के लिए एक आध्यात्मिक केंद्र भी है। यहां की शांति, प्राकृतिक सुंदरता और धार्मिक माहौल हर व्यक्ति के मन को पवित्र और संतुलित बनाता है। भगवान शिव के ओंकार रूप के दर्शन करने से भक्तों को न केवल आध्यात्मिक ऊर्जा मिलती है, बल्कि उनके जीवन में सुख, समृद्धि और शांति भी आती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *