12 ज्योतिर्लिंगों की महिमा: हिंदू धर्म के पवित्र तीर्थस्थल
नई दिल्ली, 08 जून 2025: हिंदू धर्म में 12 ज्योतिर्लिंगों का विशेष महत्व है। ये भगवान शिव के पवित्र स्थान माने जाते हैं और इनकी पूजा-अर्चना से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। आइए जानते हैं इन 12 ज्योतिर्लिंगों के बारे में:
- सोमनाथ: गुजरात के वेरावल में स्थित, यह पहला ज्योतिर्लिंग माना जाता है।
- मल्लिकार्जुन: आंध्र प्रदेश के श्रीशैलम में स्थित, यह शिव और पार्वती का पवित्र स्थान है।
- महाकालेश्वर: मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित, यहां की भस्म आरती विश्वप्रसिद्ध है।
- ओंकारेश्वर: मध्य प्रदेश के खंडवा में नर्मदा नदी के किनारे स्थित है।
- वैद्यनाथ: झारखंड के देवघर में स्थित, इसे “कामना लिंग” भी कहा जाता है।
- भीमाशंकर: महाराष्ट्र के पुणे में सह्याद्रि पर्वत पर स्थित है।
- रामेश्वरम: तमिलनाडु में स्थित, यहां शिवलिंग की स्थापना भगवान राम ने की थी।
- नागेश्वर: गुजरात के द्वारका के पास स्थित, यहां शिवजी नाग के रूप में प्रकट हुए थे।
- विश्वनाथ: उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थित, यह सबसे पवित्र ज्योतिर्लिंगों में से एक है।
- त्र्यंबकेश्वर: महाराष्ट्र के नासिक में गोदावरी नदी के किनारे स्थित है।
- केदारनाथ: उत्तराखंड के गढ़वाल में हिमालय की गोद में स्थित है।
- घृष्णेश्वर: महाराष्ट्र के औरंगाबाद में स्थित, यह अंतिम ज्योतिर्लिंग है।
इन ज्योतिर्लिंगों की यात्रा करने से भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति होती है और जीवन के पापों से मुक्ति मिलती है। हर साल लाखों श्रद्धालु इन तीर्थस्थलों पर दर्शन के लिए आते हैं।
धार्मिक महत्व:
शास्त्रों के अनुसार, जो व्यक्ति इन 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन करता है, उसे अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। शिवरात्रि और सावन के महीने में इन स्थानों पर विशेष पूजा-अर्चना की जाती है।
यात्रा की तैयारी:
अगर आप इन ज्योतिर्लिंगों की यात्रा करने की योजना बना रहे हैं, तो मौसम और यात्रा सुविधाओं की जानकारी पहले ही प्राप्त कर लें। केदारनाथ जैसे स्थानों पर यात्रा करने के लिए शारीरिक रूप से तैयार रहना आवश्यक है।
हिंदू धर्म में इन 12 ज्योतिर्लिंगों की महिमा अद्वितीय है और ये भक्तों के लिए आस्था का केंद्र बने हुए हैं।