🕉 गायत्री मंत्र | Gayatri Mantra in Hindi
📜 गायत्री मंत्र लिखा हुआ (संस्कृत व हिंदी में)
संस्कृत में:
🕉 भूर्भुवः स्वः।
तत्सवितुर्वरेण्यं।
भर्गो देवस्य धीमहि।
धियो यो नः प्रचोदयात्॥
हिंदी में उच्चारण:
ॐ भूर्भुवः स्वः।
तत्सवितुर्वरेण्यम्।
भर्गो देवस्य धीमहि।
धियो यो नः प्रचोदयात्॥
हिंदी में अर्थ:
हम उस सविता देव का ध्यान करते हैं जो प्रकाश स्वरूप, पूजनीय और पापों को नष्ट करने वाले हैं। वह हमारी बुद्धि को शुभ दिशा में प्रेरित करें।
🌄 गायत्री मंत्र का इतिहास
गायत्री मंत्र ऋग्वेद से लिया गया है (मंडल 3, सूक्त 62, मंत्र 10)।
इसे महर्षि विष्वामित्र ने प्रकट किया था।
यह देवी गायत्री को समर्पित है, जो ज्ञान, प्रकाश और आध्यात्मिक शक्ति की देवी हैं।
📿 गायत्री मंत्र जाप कैसे करें?
- समय: सूर्योदय, दोपहर और सूर्यास्त (त्रिकाल संध्या)
- माला: रुद्राक्ष या तुलसी माला, 108 मनकों वाली
- स्थान: शांत और स्वच्छ स्थान या सूर्य के सामने
- विधि:
- हाथ में जल लेकर संकल्प लें
- आंखें बंद करें और ध्यानपूर्वक जप करें
- हो सके तो सूर्य देव को जल अर्पण करें
✨ गायत्री मंत्र के लाभ
- बुद्धि, स्मरण शक्ति और एकाग्रता में वृद्धि
- आध्यात्मिक जागृति और मानसिक शांति
- पापों का क्षय और आत्मा की शुद्धि
- बच्चों और विद्यार्थियों के लिए विशेष रूप से उपयोगी
- जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और सफलता
📥 गायत्री मंत्र PDF डाउनलोड करें
इस पीडीएफ में शामिल हैं:
- मंत्र का सही उच्चारण
- अर्थ व लाभ
- जप तालिका
- 108 बार जाप गाइड
🔁 गायत्री मंत्र 108 बार जाप कैसे करें?
जाप दिन | मंत्र संख्या | विशेष लाभ |
---|---|---|
रविवार | 108 बार | सूर्य शक्ति व आत्मिक ऊर्जा |
परीक्षा काल | 108 बार | एकाग्रता और स्मरण शक्ति |
जन्मदिन | 108 बार | शुभता और नए ऊर्जा चक्र |
🔮 गायत्री मंत्र से संबंधित तथ्य
- इसे “वेदों की माँ” कहा जाता है
- यह ब्रह्मांड की चेतना को जगाता है
- गायत्री मंत्र का जप करते समय त्राटक ध्यान विधि भी की जा सकती है
📌 निष्कर्ष
गायत्री मंत्र सिर्फ मंत्र नहीं, बल्कि एक दिव्य साधना है।
इसका नियमित जप मन, बुद्धि और आत्मा – तीनों का उत्थान करता है।
✨ जपें, जागें और शिव-सूर्य की ऊर्जा को अपने भीतर उतारें।
🔗 आप चाहें तो:
हर दिन गायत्री मंत्र जपें – जीवन बने दिव्य और सुंदर!
🕉🙏 हर हर महादेव!
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