🔱 महामृत्युंजय मंत्र इन हिंदी – 108 बार जप, मंत्र लेखन, पीडीएफ और सिद्धि


🌿 महामृत्युंजय मंत्र लिखा हुआ (संस्कृत व हिंदी में)

संस्कृत में:

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्॥

हिंदी में अर्थ:
हम भगवान त्रिनेत्रधारी शिव की पूजा करते हैं, जो सुगंधित हैं और पोषण करने वाले हैं। जैसे ककड़ी पकने पर बेल से अलग हो जाती है, वैसे ही हम मृत्यु के बंधनों से मुक्त हों, लेकिन अमरत्व प्राप्त करें।


📜 महामृत्युंजय मंत्र, संस्कृत में (52 अक्षर का मंत्र)

यह मंत्र 52 अक्षरों में बना हुआ है, जो पूर्ण रूप से संस्कृत भाषा में है।
इसका उच्चारण सटीक और लयबद्ध होना अत्यंत आवश्यक है।
यह मंत्र इस प्रकार है:

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्॥

यह मंत्र भगवान शिव को प्रसन्न करने और मृत्यु के भय से मुक्ति प्राप्त करने हेतु अत्यंत प्रभावशाली माना जाता है।


📥 महामृत्युंजय मंत्र इन हिंदी PDF

आप नीचे दिए गए लिंक से महामृत्युंजय मंत्र का हिंदी PDF डाउनलोड कर सकते हैं:

👉 महामृत्युंजय मंत्र पीडीएफ डाउनलोड करें

इस पीडीएफ में शामिल हैं:

  • 108 बार महामृत्युंजय मंत्र
  • हिंदी अर्थ
  • जप विधि
  • दिन-वार मंत्र चार्ट
  • मंत्र सिद्धि गाइड

📿 महामृत्युंजय मंत्र 108 बार कैसे जपें?

महामृत्युंजय मंत्र का 108 बार जप करने से:

  • स्वास्थ्य लाभ होता है
  • जीवन संकट से रक्षा होती है
  • मानसिक तनाव कम होता है
  • काल मृत्यु से रक्षा होती है

🕉 जप विधि:

  • प्रातः ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर रुद्राक्ष माला से 108 बार जप करें
  • शांत वातावरण में बैठकर शिवलिंग के सामने करें
  • “ॐ त्र्यम्बकं यजामहे…” मंत्र का स्पष्ट उच्चारण करें

🧘‍♂️ महामृत्युंजय मंत्र 108 जाप मंत्र गुरु से

यदि आप मंत्र सिद्धि चाहते हैं तो किसी मंत्र गुरु से दीक्षा लेकर ही अनुष्ठान करें।
एक अनुभवी गुरु:

  • मंत्र उच्चारण की सही तकनीक बताते हैं
  • जप के दौरान होने वाले अनुभवों को समझाते हैं
  • पूर्ण श्रद्धा से 1.25 लाख बार जप करवाते हैं
  • हवन व रुद्राभिषेक की प्रक्रिया सिखाते हैं

🔢 मृत्युंजय मंत्र 108 बार जप तालिका

जाप दिनसमयस्थानमंत्र संख्या
सोमवारसूर्योदयघर या शिव मंदिर108
अमावस्याशाम कोकिसी तट पर108
जन्मदिनसुबहध्यान मुद्रा में108

📌 महामृत्युंजय मंत्र का महत्व

  • काल मृत्यु से रक्षा: यम के भय से रक्षा करता है
  • रोग मुक्ति: असाध्य रोगों में प्रभावी
  • मानसिक शांति: तनाव, डर और चिंता समाप्त करता है
  • घर की नकारात्मक ऊर्जा का नाश

🔁 चलते-फिरते महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें?

हाँ, आप चलते-फिरते भी इस मंत्र का मन में जाप कर सकते हैं। इसे Ajapa Japa कहा जाता है।
यह:

  • ध्यान अवस्था को बढ़ाता है
  • काम, क्रोध, लोभ आदि से मन को मुक्त करता है
  • नकारात्मक विचारों से सुरक्षा करता है

📚 निष्कर्ष

महामृत्युंजय मंत्र केवल एक मंत्र नहीं, यह जीवन का सुरक्षा कवच है। इसका 108 बार प्रतिदिन जाप करें, और अनुभव करें:

  • आत्मिक ऊर्जा
  • शिव की कृपा
  • रोगों से मुक्ति
  • मोक्ष की प्राप्ति

हर हर महादेव!
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे…


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