person wearing white band ringPhoto by <a href="https://unsplash.com/@priscilladupreez" rel="nofollow">Priscilla Du Preez 🇨🇦</a> on <a href="https://unsplash.com/?utm_source=hostinger&utm_medium=referral" rel="nofollow">Unsplash</a>

दुर्गा सप्तशती का महत्व क्या है?

दुर्गा सप्तशती हिन्दू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण ग्रंथों में से एक है। यह ग्रंथ देवी महात्म्य या चंडी पाठ के नाम से भी जाना जाता है। सप्तशती में 700 श्लोक होते हैं जो देवी दुर्गा की महिमा का गुणगान करते हैं। इसे नवरा‍त्रि में विशेष रूप से पढ़ा जाता है और ऐसा माना जाता है कि इस ग्रंथ का पाठ करने से साधक को विशेष शक्ति और सुख-शांति की प्राप्ति होती है।

दुर्गा चालीसा का पाठ कैसे किया जाता है?

दुर्गा चालीसा एक और महत्वपूर्ण स्तोत्र है जिसकी 40 चौपाइयां देवी दुर्गा को समर्पित होती हैं। दुर्गा चालीसा का पाठ प्रात: कालीन और सायंकालीन समय में करना विशेष शुभ माना जाता है। इसे पढ़ते समय ध्यान रखना चाहिए कि पाठ में पूरी निष्ठा और श्रद्धा हो। पाठ के समय पूजा स्थल को स्वच्छ रखना चाहिए और धूप-दीप जलाकर ही पाठ प्रारम्भ करना चाहिए।

देवी दुर्गा के विभिन्न रूप कौन-कौन से हैं?

देवी दुर्गा के कई रूप हैं, प्रत्येक रूप का अपना विशेष महत्व और कथा है। मुख्य रूप से देवी दुर्गा के नौ रूप नवरात्रि के दौरान पूजे जाते हैं: शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्माण्डा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, और सिद्धिदात्री। प्रत्येक रूप का अलग-अलग प्रतिरूप और विशेषता होती है। देवी दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा करने से मानव जीवन में सुख, समृद्धि, और सुरक्षा की प्राप्ति होती है।

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