नवरात्रि का त्यौहार नौ दिनों तक देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा के लिए समर्पित है। इस त्यौहार के पहले दिन माता शैलपुत्री की पूजा की जाती है, जिन्हें नवरात्रि के पहले दिन पूजी जाने वाली देवी माना जाता है। माता शैलपुत्री देवी दुर्गा का पहला रूप हैं और उन्हें पर्वतराज हिमालय की पुत्री के रूप में जाना जाता है। यह दिन आध्यात्मिक यात्रा की शुरुआत और अनुयायियों की शक्ति का प्रतीक है। इस लेख में हम चर्चा करेंगे कि नवरात्रि का पहला दिन किस माता का होता है ? ( Which mother is worshipped on the first day of Navratri ), माता शैलपुत्री की पूजा से जुड़ी मुख्य बातें और उनकी महिमा।
नवरात्रि का पहला दिन किस माता का होता है ?
- माता शैलपुत्री का महत्व:
- नवरात्रि का पहला दिन माता शैलपुत्री को समर्पित होता है।
- देवी शैलपुत्री पर्वतराज हिमालय की पुत्री हैं और उनके नाम का अर्थ है “पर्वत की बेटी”।
- इन्हें प्रकृति का प्रतीक माना जाता है, जो स्थिरता और शक्ति का प्रतीक है।
- माता शैलपुत्री की उत्पत्ति:
- शैलपुत्री का जन्म राजा दक्ष की पुत्री सती के पुनर्जन्म के रूप में हुआ था।
- पूर्व जन्म में, देवी सती ने अपने पिता दक्ष के यज्ञ में आत्मदाह किया था और अगले जन्म में शैलपुत्री के रूप में पुनर्जन्म लिया।
- पहले दिन की पूजा विधि:
- नवरात्रि के पहले दिन माता शैलपुत्री की पूजा विधि सरल है।
- भक्त सुबह स्नान करके माता शैलपुत्री की मूर्ति या चित्र की स्थापना करते हैं।
- मां को सफेद फूल, दुर्वा, जल और गाय के घी से बने दीपक से पूजा जाता है।
- इस दिन व्रत रखने का भी विशेष महत्व है और भक्त देवी से शक्ति और स्वास्थ्य की कामना करते हैं।
- माता शैलपुत्री का वाहन और प्रतीक:
- माता शैलपुत्री का वाहन वृषभ (बैल) है, जिससे इन्हें “वृषारूढ़ा” भी कहा जाता है।
- इनके दाहिने हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल का फूल है, जो शक्ति और सौम्यता का प्रतीक हैं।
- पहले दिन के रंग और आराधना:
- पहले दिन भक्त सफेद रंग के वस्त्र पहनते हैं, क्योंकि यह शांति और पवित्रता का प्रतीक है।
- इस दिन मां शैलपुत्री की आराधना से जीवन में सुख, शांति, और सकारात्मक ऊर्जा आती है।
- मंत्र और स्तुति:
- माता शैलपुत्री की कृपा पाने के लिए निम्न मंत्र का जप किया जाता है:
- “ॐ देवी शैलपुत्र्यै नमः”
- इसके साथ ही दुर्गा सप्तशती का पाठ भी शुभ माना जाता है।
- माता शैलपुत्री की कृपा पाने के लिए निम्न मंत्र का जप किया जाता है:
- आध्यात्मिक महत्व:
- नवरात्रि के पहले दिन की पूजा से भक्तों को जीवन में स्थिरता, मानसिक शांति, और दृढ़ निश्चय प्राप्त होता है।
- यह दिन आध्यात्मिक यात्रा की शुरुआत मानी जाती है, जो मनुष्य को आत्मिक उन्नति की ओर ले जाती है।
निष्कर्ष:
नवरात्रि का पहला दिन किस माता का होता है? ( Which mother is worshipped on the first day of Navratri) नवरात्रि के पहले दिन माता शैलपुत्री की पूजा करने से भक्तों को आध्यात्मिक शक्ति मिलती है। उनके आशीर्वाद से जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं और भक्तों के जीवन में शांति और स्थिरता आती है। नवरात्रि का यह पहला आध्यात्मिक दिन भगवान के पहले स्वरूप और देवी दुर्गा को श्रद्धांजलि देने का अवसर है। “नवरात्रि का पहला दिन किस माता का होता है” हर भक्त के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इस दिन से भक्त अपनी आध्यात्मिक यात्रा शुरू करते हैं।
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