पितृ पक्ष, हिन्दू धर्म में आत्मा के पूर्वजों की आत्मा की श्राद्ध और पुण्य करने का समय होता है। इस समय कुछ विशेष नियमों का पालन करना अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। निम्नलिखित काम पितृ पक्ष में नहीं किए जाते हैं:
1. शुद्धिकरण: पितृ पक्ष में घर को शुद्ध करना, जैसे कि नए नाये का सामान खरीदना, नया घर खरीदना, या महत्वपूर्ण गृह पूजा करना, यह सब नहीं किया जाता है।
2. मंगलिक कार्य: पितृ पक्ष में कुछ मंगलिक कार्य जैसे कि विवाह, गृह प्रवेश, या अन्य शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं।
3. श्राद्ध: पितृ पक्ष में पूर्वजों की आत्मा के लिए श्राद्ध किया जाता है। इस समय श्राद्ध करना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है, और इसमें विशेष ध्यान और भक्ति के साथ किया जाता है।
4. श्राद्ध संबंधित कार्य: जैसा कि तिथि पुस्तकें बनाना, ज्योतिषीय काम करना, और ज्योतिषीय संवाददाता से परामर्श नहीं लेना चाहिए।
पितृ पक्ष में अपने पितृगणों की आत्मा की शांति और आत्मा के श्राद्ध का सम्मान करना महत्वपूर्ण है, और इस समय कुछ विशेष नियमों का पालन करना धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है। यह सब नियम और परंपराएँ विभिन्न स्थानों और समुदायों में भिन्न हो सकती हैं, इसलिए सबसे अच्छा है कि आप अपने परंपरागत परंपराओं और स्थलीय आदतों के अनुसार संबंधित गुरु या पंडित से सलाह लें।