किस दिन मायके से ससुराल नहीं जाना चाहिए?
भारतीय संस्कृति और परंपराओं में विवाह केवल दो व्यक्तियों का मिलन नहीं, बल्कि दो परिवारों का आपसी संबंध और भावनाओं का संगम होता है। शादी के बाद दुल्हन के मायके और ससुराल के बीच आना-जाना एक सामान्य और स्वाभाविक प्रक्रिया है, लेकिन हमारे शास्त्रों, ज्योतिष और लोक-मान्यताओं में कुछ ऐसे दिन बताए गए हैं जब मायके से ससुराल या ससुराल से मायके जाना अशुभ माना जाता है।
इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि किस दिन मायके से ससुराल नहीं जाना चाहिए, इसके पीछे धार्मिक, ज्योतिषीय और सांस्कृतिक कारण क्या हैं, और सही समय व उपाय क्या होने चाहिए।
मायके से ससुराल जाने का पारंपरिक महत्व
भारतीय विवाह प्रणाली में विदाई और गृह प्रवेश के समय शुभ मुहूर्त का विशेष महत्व होता है। माना जाता है कि जैसे विवाह का समय शुभ ग्रह-नक्षत्र देखकर तय किया जाता है, वैसे ही नवविवाहिता या विवाहित स्त्री का मायके से ससुराल वापस लौटने का समय भी शुभ होना चाहिए।
किस दिन मायके से ससुराल नहीं जाना चाहिए – मुख्य कारण
1) अमावस्या का दिन
अमावस्या को नई शुरुआत के लिए अशुभ माना जाता है। चंद्रमा के न होने के कारण इस दिन ऊर्जा का स्तर कम होता है और नकारात्मक शक्तियां सक्रिय रहती हैं। इसलिए इस दिन मायके से ससुराल लौटना टाला जाता है।
2) संक्रांति का दिन
सूर्य के एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करने के दिन को संक्रांति कहते हैं। ज्योतिष में इसे संक्रमण काल कहा गया है, जब कोई भी शुभ कार्य करना उचित नहीं माना जाता। इस दिन यात्रा भी टालना बेहतर होता है।
3) पितृपक्ष के दिन
पितृपक्ष पूर्वजों के श्राद्ध का समय होता है। इस दौरान नए कार्य, विवाह या गृह प्रवेश जैसे शुभ कार्य वर्जित होते हैं। मायके से ससुराल जाने को भी नया आरंभ माना जाता है, इसलिए इन दिनों यात्रा नहीं करना शुभ माना जाता है।
4) अशुभ नक्षत्र
भरणी, कृत्तिका, मघा और अश्विनी जैसे कुछ नक्षत्र अशुभ माने जाते हैं। इन नक्षत्रों में यात्रा करने से बाधाएं और कलह की संभावना बढ़ती है।
(5) चौथ, अष्टमी और चतुर्दशी तिथि
इन तिथियों को भी कुछ क्षेत्रों में अशुभ माना जाता है, खासकर जब यात्रा का उद्देश्य नया आरंभ हो।
ज्योतिषीय कारण
ज्योतिष के अनुसार जब स्त्री मायके से ससुराल जाती है, तो वह अपने जीवन के नए चरण का पुनः आरंभ करती है। इस समय ग्रहों की स्थिति और नक्षत्र की ऊर्जा उसके वैवाहिक जीवन पर प्रभाव डालती है। अशुभ समय में यात्रा करने से:
- पति-पत्नी के बीच अनबन
- स्वास्थ्य संबंधी समस्या
- आर्थिक हानि
- मानसिक तनाव
जैसी स्थितियां उत्पन्न हो सकती हैं।
सांस्कृतिक और लोक-मान्यताएं
भारतीय ग्रामीण और पारंपरिक समाज में कई लोक-मान्यताएं भी प्रचलित हैं, जैसे:
- गुरुवार को बहू का मायके से लौटना अशुभ माना जाता है क्योंकि यह दिन गुरु ग्रह का होता है, जो परिवार में स्थिरता का प्रतीक है।
- शुक्रवार को यात्रा टालना इसलिए उचित माना जाता है क्योंकि यह दिन माँ लक्ष्मी का होता है और अचानक स्थान परिवर्तन से घर की लक्ष्मी (समृद्धि) पर असर पड़ सकता है।
- मंगलवार को भी कुछ लोग यात्रा से बचते हैं क्योंकि इसे हनुमानजी और मंगल ग्रह का दिन माना जाता है, और मंगल ग्रह विवाद और दुर्घटनाओं का कारक है।
सही समय और शुभ मुहूर्त
यदि मायके से ससुराल लौटना जरूरी हो, तो निम्न बातों का ध्यान रखें:
- पंडित या ज्योतिषी से ग्रह-नक्षत्र देखकर यात्रा का समय तय करें।
- शुभ तिथि जैसे पूर्णिमा, द्वितीया, पंचमी, दशमी या एकादशी को प्राथमिकता दें।
- दिन का मध्य भाग (सुबह 9 बजे से दोपहर 12 बजे) यात्रा के लिए बेहतर माना जाता है।
- यात्रा से पहले गणेश पूजन और माता का आशीर्वाद लें।
धार्मिक मान्यता – मंगल कार्य के पहले और बाद का समय
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, विवाह या किसी अन्य शुभ अवसर के पश्चात कम से कम 3 से 5 दिनों तक बहू का मायके या ससुराल से स्थान परिवर्तन करना उचित नहीं माना जाता। इसका कारण यह है कि नवविवाहिता के जीवन में उस समय शुभ ग्रह-ऊर्जा स्थिर हो रही होती है।
मायके से ससुराल लौटने से पहले किए जाने वाले उपाय
अगर किसी कारणवश अशुभ दिन पर ही यात्रा करनी पड़े, तो ये छोटे-छोटे उपाय नकारात्मक प्रभाव को कम कर सकते हैं:
- घर से निकलते समय मिठाई खाकर और पानी पीकर जाएं – यह शुभ माना जाता है।
- गणेश जी और कुलदेवी का पूजन करें – यात्रा में बाधा नहीं आती।
- सात बार नमक लेकर अपने ऊपर से उतारकर आग में डालें – बुरी नजर से बचाव होता है।
- काले तिल और गुड़ का दान करें – ग्रह दोष कम होते हैं।
निष्कर्ष
मायके से ससुराल जाने के दिन का चयन केवल परंपरा नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक, धार्मिक और ज्योतिषीय धरोहर का हिस्सा है। यह मान्यताएं पीढ़ियों से अनुभव और विश्वास पर आधारित हैं। अशुभ समय और दिन से बचकर, और शुभ मुहूर्त में यात्रा करके, वैवाहिक जीवन में सुख-समृद्धि और सौहार्द बनाए रखा जा सकता है।