श्री गणेश द्वादश नाम स्तोत्र | Ganesh Dwadash Naam Stotram – 12 पवित्र नामों का महत्त्व

॥ॐतत्सवितुर्वरेण्यं॥ ॥ॐश्रीगुरवेनमः॥                                                                                                              सुमुखश्चैकदन्तश्च कपिलो गजकर्णकः। लम्बोदरश्च विकटो विघ्ननाशो विनायकः॥

धूम्रकेतुर्गणाध्यक्षो भालचन्द्रो गजाननः। द्वादशैतानि नामानि यः पठेच्छृणुयादपि॥

विद्यारम्भे विवाहे च प्रवेशे निर्गमे तथा। संग्रामे संकटे चैव विघ्नस्तस्य न जायते॥

भावार्थ​:- १.सुमुख २.एकदन्त ३.कपिल ४.गजकर्ण ५.लम्बोदर ६.विकट ७.विघ्ननाश ८.विनायक ९.धूम्रकेतु १०.गणाध्यक्ष ११.भालचन्द्र १२.गजानन ; इन बारह नामों के पाठ करने व सुनने से छः स्थानों १.विद्यारम्भ २.विवाह ३.प्रवेश(प्रवेश करना) ४.निर्गम​(निकलना) ५.संग्राम और ६.संकट में सभी विघ्नों का नाश होता है।                                           

विशेष​:- सिद्धों के अनुसार, यात्रा में सुरक्षा के लिए, घर से निकलते समय उपरोक्त स्तोत्र का पाठ पूर्ण श्रद्धाभाव से करने पर श्रीगणपति यात्रा को अवश्य ही निर्विघ्न संपन्न कराते हैं।

श्री गणेश द्वादश नाम स्तोत्र |Ganesh Dwadash Naam Stotram

हनुमान जी को खुश करने का मंत्र: आपके जीवन में ऊर्जा और शक्ति के लिए

shree ujjain mahakal temple

By Mahakal

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *