प्रबिसि नगर कीजे सब काजा हृदय राखी कौशलपुर राजा का अर्थ क्या होता है?
अर्थ:
अपने कार्यों की शुरुआत करते समय मन में श्रीराम (जो कौशलपुर के राजा हैं) का स्मरण और आश्रय करना चाहिए। यह भावना कार्य में सफलता देती है।
हृदयं राखि कौसलपुर राजा चौपाई का क्या अर्थ है?
अर्थ:
हृदय में कौशलपुर के राजा श्रीराम को बसाकर ही सभी कार्य करने चाहिए। इससे सफलता और मंगल होता है।
रामायण में कौन सी चौपाई दो बार आई थी?
उत्तर:
“राम सिया राम सिया राम जय जय राम” जैसी चौपाइयाँ और कुछ विशेष मंगलाचरण चौपाइयाँ दोहराई गई हैं। साथ ही, कई स्थानों पर “मंगल भवन अमंगल हारी” जैसी चौपाइयाँ भी पुनरावृत्ति में मिलती हैं।
रामायण में प्रथम चौपाई कौन सी थी?
उत्तर:
“बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार।”
(यह चौपाई ‘हनुमान चालीसा’ की पहली है, रामचरितमानस की पहली चौपाई अलग है।)
रामचरितमानस की पहली चौपाई बालकाण्ड में है:
“बंदउँ प्रथम महीसुर नागा। गुरु पद पंकज सेवक लागा॥”
चौपाई शब्द का क्या अर्थ है?
अर्थ:
“चौपाई” एक छंद (कविता का प्रकार) है जिसमें चार चरण (पंक्तियाँ) होती हैं। प्रत्येक चरण में सम मात्रा होती है, जो उसे लयबद्ध बनाती है।
रामायण में कौन सा कांड नहीं पढ़ा जाता है?
उत्तर:
“उत्तरकांड” को आमतौर पर विशेष अवसरों पर या नियमित पाठ में नहीं पढ़ा जाता, क्योंकि इसमें श्रीराम के पृथ्वी छोड़ने का वर्णन है।
सुंदरकांड की प्रथम चौपाई कौन सी थी?
उत्तर:
“जय हनुमान ज्ञान गुन सागर। जय कपीस तिहुँ लोक उजागर॥”
(यह सुंदरकांड के आरंभ में हनुमानजी का गुणगान करती हुई प्रसिद्ध चौपाई है।)
रामायण में ऐसी कौन सी चौपाई है जिसमें राम का नाम नहीं है?
उत्तर:
रामचरितमानस में कई जगह पर चरित्र वर्णन होते समय कुछ चौपाइयों में राम का नाम प्रत्यक्ष नहीं होता, जैसे – जब कथा में अन्य पात्रों का वर्णन होता है।
बालकांड की पहली चौपाई कौन सी थी?
उत्तर:
“बंदउँ प्रथम महीसुर नागा। गुरु पद पंकज सेवक लागा॥”
रामायण की पांच प्रसिद्ध चौपाइयां कौन सी हैं?
उत्तर:
- मंगल भवन अमंगल हारी
- गुरु गृह गए पढ़न रघुराई
- सिया राममय सब जग जानी
- संकट से हनुमान छुड़ावै
- हरषि चले मुनि हरषि चले
घर की दरिद्रता दूर करने के लिए रामायण की कौन सी 8 चौपाइयां हैं?
उत्तर:
विशेषकर सुंदरकांड और बालकांड की चौपाइयाँ घर की दरिद्रता दूर करने के लिए पढ़ी जाती हैं। उदाहरण:
- मंगल भवन अमंगल हारी
- संकट मोचन नाम तिहारो
- श्रीराम जय राम जय जय राम
- हरषि चले मुनि हरषि चले
- राम नाम बिनु गति नहिं कोई
- सीता राम चरण रति मोरी
- धन्य जन्म मुनि तप बल सोई
- रघुकुल रीति सदा चली आई
कुल कितनी चौपाइयाँ हैं?
उत्तर:
रामचरितमानस में लगभग 7,000 से अधिक चौपाइयाँ हैं।
दोहा और चौपाई में क्या अंतर है?
अंतर:
- दोहा: दो पंक्तियों का छंद होता है, प्रत्येक पंक्ति में 24 मात्राएँ।
- चौपाई: चार पंक्तियों का छंद होता है, सभी पंक्तियों में लगभग समान मात्राएँ (प्रायः 16-16) होती हैं।
चौपाई को संस्कृत में क्या कहते हैं?
उत्तर:
संस्कृत में इसे “चतुष्पदी” (चार चरणों वाला) या “चतुष्पथ” भी कहते हैं।
रामचरितमानस की विवादित चौपाई कौन सी है?
उत्तर:
“ढोल गँवार शूद्र पशु नारी। सकल ताड़ना के अधिकारी॥”
(इस चौपाई को समाज में अलग-अलग दृष्टिकोण से देखा गया है।)
रामायण में चौपाई का क्या अर्थ है?
उत्तर:
चौपाई एक प्रकार का कविता छंद है, जो रामायण की कथा को सरलता और लयबद्धता से प्रस्तुत करता है। इससे कथा गेय और स्मरणीय बनती है।
रामचरितमानस की दूसरी चौपाई कौन सी है?
उत्तर:
“बंदउँ प्रथम महीसुर नागा। गुरु पद पंकज सेवक लागा॥”
(यह प्रारंभिक मंगलाचरण के बाद की चौपाई है।)
रामायण की अंतिम चौपाई कौन सी थी?
उत्तर:
“रामहि केवल प्रेम पियारा। जानि लेहु जो जान निहारा॥”
(रामचरितमानस के अंत में यह चौपाई आती है।)
रामायण में ऐसी कौन सी चौपाई है जिसमें ‘र’ और ‘म’ नहीं है?
उत्तर:
ऐसी विशिष्ट चौपाइयाँ ढूँढना कठिन है क्योंकि रामचरितमानस का पूरा आधार ही “राम” है। बिना ‘र’ और ‘म’ के चौपाई विरल है।
ढोल नारी चौपाई का क्या अर्थ है?
अर्थ:
“ढोल गँवार शूद्र पशु नारी। सकल ताड़ना के अधिकारी॥”
इसका अर्थ है — परंपरागत दृष्टि में अनुशासन के लिए कुछ वर्गों पर नियंत्रण आवश्यक बताया गया था। आज के समय में इसे समसामयिक दृष्टि से नहीं लिया जाता।
“अधम जाति में विद्या पाए” किस कांड में है?
उत्तर:
यह चौपाई किष्किंधा कांड में आती है, जब श्रीराम ने सुग्रीव को विभिन्न प्रकार के व्यवहार के बारे में शिक्षा दी थी।
संकट में कौन सी चौपाई है?
उत्तर:
“संकट से हनुमान छुड़ावै। मन क्रम बचन ध्यान जो लावै॥”
(हनुमान चालीसा की प्रसिद्ध चौपाई)
मंगल भवन अमंगल हारी चौपाई का क्या अर्थ है?
अर्थ:
श्रीराम का स्मरण करने से सभी अमंगल दूर होते हैं और शुभ फल की प्राप्ति होती है।
“गुरु गृह गए पढ़न रघुराई” चौपाई का अर्थ क्या है?
अर्थ:
भगवान श्रीराम गुरु वशिष्ठ के आश्रम में शिक्षा ग्रहण करने के लिए गए थे। यह चौपाई शिक्षा और विनम्रता का आदर्श है।
रोग नाश के लिए कौन सी चौपाई है?
उत्तर:
“नासै रोग हरै सब पीरा। जपत निरंतर हनुमत बीरा॥”
(हनुमानजी का निरंतर स्मरण रोगों का नाश करता है।)