आरती गजबदन विनायक की – Aarti Shree Vinayak Ji
आरती गजबदन विनायक की,
सुर मुनि पूजित गणनायक की। टेक।
एकदंत शशिभाल गजानन,
विघ्नविनाशन शुभगुण कानन,
शिवसुत बंधमान-चतुरानन,
दुख विनाशक सुखदायक की। सुर…
ऋद्धि-सिद्धि स्वामी समर्थ अति,
विमल बुद्धिदाता सुविमल मति,
आद्य-वन दहन, अमल अविगत गति,
विद्या-विनय, विभवदायक की। सुर…
पिंगल नयन, विशाल शुंडधर,
धूम्रवर्ण शुचि वज्रांकुश कर,
लम्बोदर बाधा विपत्ति हर,
सुर-वंदित सब विधिलायक की। सुर…
Also Read – गणेश आरती Ganesh Aarti – शेंदुर लाल चढ़ायो अच्छा गजमुखको