नवरात्रि के तीसरे दिन देवी चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। देवी चंद्रघंटा का रूप बहुत ही सौम्य और आभामयी है, और वे अपनी तीन आंखों और घंटे के आकार के आभूषण के कारण चंद्रघंटा कहलाती हैं। इनकी पूजा से व्यक्ति को मानसिक शांति, समृद्धि और भय से मुक्ति मिलती है।

चंद्रघंटा माता की कहानी:

एक समय की बात है, जब महिषासुर का अत्याचार पूरे त्रैलोक्य में बढ़ गया था। देवताओं ने देवी दुर्गा से सहायता मांगी। देवी दुर्गा ने महिषासुर से युद्ध के लिए चंद्रघंटा को भेजा। चंद्रघंटा देवी का रूप इतना भयावह और शक्तिशाली था कि महिषासुर भी उनके सामने डर गया। देवी ने अपनी घंटी के ध्वनि से महिषासुर के राक्षसों को नष्ट किया और उसे भी हराया। देवी के इस रूप से भक्तों को साहस और निडरता मिलती है।

चंद्रघंटा माता का रूप स्वर्णिम और आभामयी है, और उनकी पूजा से साधक को मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।

चंद्रघंटा माता की पूजा विधि:

  1. स्नान और शुद्धता: पूजा प्रारंभ करने से पहले, स्वयं को शुद्ध करना अति आवश्यक है। स्नान करके शुद्ध वस्त्र पहनें।
  2. व्रत का संकल्प: नवरात्रि के इस दिन, देवी चंद्रघंटा के पूजन का संकल्प लें। यह संकल्प ध्यान और समर्पण से करें।
  3. मंत्र जाप: देवी चंद्रघंटा का पूजन करने के लिए निम्नलिखित मंत्रों का जाप करें:
    • “ॐ देवी चंद्रघंटायै नमः।”
    • “ॐ ह्लीं चंद्रघंटा महाक्रूरी हं हं फट् स्वाहा।”
    इन मंत्रों का 108 बार जाप करें। मंत्र जाप से चंद्रघंटा देवी की कृपा प्राप्त होती है और मानसिक शांति मिलती है।
  4. अर्पित सामग्री: देवी को चावल, गुलाब के फूल, दूध, शहद और सफेद मिठाइयां अर्पित करें। यह सामग्री देवी को प्रिय होती है।
  5. आरती: पूजा के अंत में देवी चंद्रघंटा की आरती गाएं। यह आरती देवी के आशीर्वाद को सुदृढ़ करती है और घर में सुख-शांति लाती है।
  6. प्रसाद वितरण: पूजा के बाद प्रसाद का वितरण करें। यह एक तरह से शुभ लाभ की प्राप्ति का प्रतीक है।

चंद्रघंटा माता की पूजा के लाभ:

  1. मानसिक शांति: चंद्रघंटा माता की पूजा से मानसिक शांति प्राप्त होती है।
  2. भय से मुक्ति: इस दिन माता के भक्तों को भय और शत्रु से मुक्ति मिलती है।
  3. सिद्धि और सफलता: पूजा करने से जीवन में सफलता प्राप्त होती है और सभी कार्यों में सिद्धि मिलती है।
  4. सकारात्मक ऊर्जा: पूजा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जिससे सभी संकट दूर होते हैं।

नवरात्रि के तीसरे दिन देवी चंद्रघंटा की पूजा से मानसिक, शारीरिक और आत्मिक शांति प्राप्त होती है। उनका आशीर्वाद पाकर व्यक्ति अपने जीवन में सफलता, समृद्धि और शांति का अनुभव करता है।

By Mahakal

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