नवरात्रि के पावन पर्व में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि का दूसरा दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा को समर्पित है। मां ब्रह्मचारिणी को तप, संयम और ध्यान का प्रतीक माना जाता है। यह स्वरूप मां दुर्गा की अविवाहित अवस्था को दर्शाता है, जिसमें उन्होंने कठोर तप किया था। आइए जानते हैं मां ब्रह्मचारिणी की महिमा, पूजा विधि और इस दिन का महत्व।

नवरात्रि का दूसरा दिन मां ब्रह्मचारिणी Maa Brahmacharini on the second day of Navratri का स्वरूप और महत्व

मां ब्रह्मचारिणी का स्वरूप बहुत ही शांत और दिव्य है। इनके दाएं हाथ में माला और बाएं हाथ में कमंडल है। इनकी सादगी और तपस्या का जीवन से गहरा संबंध है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां ब्रह्मचारिणी ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए हजारों वर्षों तक कठोर तप किया था। इसीलिए इन्हें ब्रह्मचारिणी कहा जाता है, जिसका अर्थ है “तपस्या करने वाली”।

मां ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि

नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की विशेष विधि-विधान से पूजा की जाती है। इस दिन भक्त मां की पूजा कर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं ताकि उनके जीवन में संयम, धैर्य और तप का भाव आए। पूजा की विधि इस प्रकार है:

  • सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  • पूजा स्थल को शुद्ध करके वहां मां ब्रह्मचारिणी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
  • मां को सफेद वस्त्र, फूल और चंदन अर्पित करें।
  • धूपबत्ती जलाएं और मां ब्रह्मचारिणी का ध्यान करें और उनके मंत्र का जाप करें।
  • मंत्र: “ॐ देवी ब्रह्मचारिणी नमः”
  • पूजा के बाद भोग लगाएं जिसमें चीनी, गुड़ और पंचामृत शामिल हो।
  • अंत में आरती करके मां से अपने जीवन में संयम और तप का आशीर्वाद मांगें।

मां ब्रह्मचारिणी का आशीर्वाद

मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से व्यक्ति को जीवन में संयम, तप और धैर्य की प्राप्ति होती है। जो भी भक्त उनकी भक्ति भाव से पूजा करता है उसके जीवन से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। कहते हैं कि इस दिन मां की पूजा करने से व्यक्ति की मनोकामनाएं पूरी होती हैं और उसे आत्मविश्वास मिलता है।

नवरात्रि के दूसरे दिन का महत्व


नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा का विशेष महत्व है क्योंकि यह दिन साधना, संयम और शक्ति की पूजा का दिन है। इस दिन पूजा करने से व्यक्ति आत्मविश्वास और धैर्य से भर जाता है। जीवन में आने वाली कठिनाइयों को सहने की शक्ति मिलती है। इसलिए भक्त इस दिन पूरी श्रद्धा के साथ मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करते हैं और उनसे अपनी साधनाओं को सफल बनाने की प्रार्थना करते हैं।

निष्कर्ष


नवरात्रि का दूसरा दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा का दिन है। मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में धैर्य, शक्ति और संयम का संचार होता है। इस दिन विधि-विधान से मां की पूजा करने से भक्तों को मां की विशेष कृपा प्राप्त होती है, जिससे उनके जीवन के सभी कष्ट समाप्त हो जाते हैं। नवरात्रि में मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से हम अपने जीवन में कठिन साधनाओं को पूर्ण करने की प्रेरणा प्राप्त कर सकते हैं।

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By Mahakal

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