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शुक्रवार का व्रत – लक्ष्मी जी की कृपा पाने की विधि

Mayank Sri Aug 20, 2025 0

Table of Contents

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  • शुक्रवार का व्रत
  • शुक्रवार व्रत का धार्मिक महत्व
  • शुक्रवार व्रत की कथा
  • शुक्रवार व्रत की विधि
  • शुक्रवार व्रत का उपवास नियम
  • शुक्रवार व्रत में विशेष उपाय
  • शुक्रवार व्रत से मिलने वाले लाभ
  • शुक्रवार व्रत से जुड़े धार्मिक नियम
  • शुक्रवार व्रत और ज्योतिषीय दृष्टि
  • शुक्रवार व्रत के दौरान क्या न करें
  • आधुनिक जीवन में शुक्रवार व्रत का महत्व
  • निष्कर्ष

शुक्रवार का व्रत

भारतीय संस्कृति में देवी-देवताओं की उपासना के लिए विशेष दिन निर्धारित किए गए हैं। इन्हीं दिनों में शुक्रवार का व्रत विशेष महत्व रखता है। यह व्रत मुख्य रूप से मां लक्ष्मी और शुक्र देव को समर्पित होता है। मान्यता है कि शुक्रवार का व्रत करने से धन, वैभव, सौंदर्य, सुख-समृद्धि और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।
जो व्यक्ति आर्थिक संकट, दांपत्य कलह या मानसिक बेचैनी का सामना कर रहे हों, उनके लिए शुक्रवार का व्रत किसी आशीर्वाद से कम नहीं माना जाता। यह व्रत न केवल जीवन में भौतिक सुख-सुविधाएं प्रदान करता है, बल्कि साधक को आंतरिक शांति और संतुलन भी देता है।

शुक्रवार व्रत का धार्मिक महत्व

1. लक्ष्मी जी की कृपा

मां लक्ष्मी को धन, वैभव और सुख-समृद्धि प्रदान करने वाली देवी माना जाता है। मान्यता है कि शुक्रवार का व्रत करने से घर-परिवार से दरिद्रता का नाश होता है और जीवन में समृद्धि एवं मंगलमय वातावरण स्थापित होता है।

2. शुक्र ग्रह का प्रभाव

ज्योतिष शास्त्र में शुक्रवार का दिन शुक्र ग्रह को समर्पित है। शुक्र ग्रह को भौतिक सुख, सौंदर्य, वैवाहिक जीवन और समृद्धि का कारक माना गया है। जिन व्यक्तियों की जन्मकुंडली में शुक्र ग्रह अशक्त या पीड़ित स्थिति में हो, वे शुक्रवार का व्रत करके उसके अनुकूल फल और सकारात्मक प्रभाव प्राप्त कर सकते हैं।

3. वैवाहिक जीवन में सुधार

शुक्रवार का व्रत करने से पति-पत्नी के बीच प्रेम बढ़ता है और दांपत्य जीवन में मधुरता आती है। अविवाहित युवतियों को यह व्रत शीघ्र विवाह और योग्य वर की प्राप्ति के लिए करना चाहिए।

शुक्रवार व्रत की कथा

शुक्रवार व्रत के पीछे कई पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं। उनमें से एक प्रमुख कथा इस प्रकार है –

एक गरीब ब्राह्मण परिवार था जो दरिद्रता से परेशान रहता था। एक दिन ब्राह्मण को एक वृद्धा ने बताया कि यदि वह और उसकी पत्नी शुक्रवार का व्रत करके मां लक्ष्मी की पूजा करें तो उनकी दरिद्रता दूर हो जाएगी।
ब्राह्मण पत्नी ने श्रद्धा से व्रत किया। मां लक्ष्मी प्रसन्न हुईं और उनके घर में धन-धान्य की वृद्धि हुई। धीरे-धीरे वह परिवार सुखी और समृद्ध हो गया।
यह कथा हमें बताती है कि श्रद्धा और विश्वास से किया गया शुक्रवार व्रत साधक के जीवन को सुखमय और सम्पन्न बना देता है।

शुक्रवार व्रत की विधि

1. व्रत का संकल्प

  • प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  • घर के मंदिर में दीपक जलाएं और मां लक्ष्मी का ध्यान करें।
  • व्रत का संकल्प लें और मन ही मन प्रार्थना करें कि यह व्रत मेरी श्रद्धा और भक्ति से पूर्ण हो।

2. पूजा सामग्री

  • लाल या गुलाबी कपड़ा
  • लक्ष्मी माता की मूर्ति या फोटो
  • धूप, दीपक, अक्षत (चावल), रोली
  • शुद्ध घी और तेल
  • कमल का फूल या लाल फूल
  • सफेद और पीले मिठाई के भोग
  • दक्षिणा

3. पूजन विधि

  1. पूजन स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें।
  2. मां लक्ष्मी की प्रतिमा या चित्र को स्थापित करें।
  3. दीपक और धूप जलाकर आराधना प्रारंभ करें।
  4. मां लक्ष्मी के चरणों में लाल अथवा गुलाबी रंग के वस्त्र अर्पित करना शुभ माना जाता है।
  5. कमल के फूल और अक्षत अर्पित करें।
  6. पंचामृत से मां लक्ष्मी का अभिषेक करें (यदि संभव हो)।
  7. लक्ष्मी जी के मंत्रों का जप करें –
    “ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्म्यै नमः।”
  8. अंत में आरती करें और भोग अर्पित करें।

शुक्रवार व्रत का उपवास नियम

  • व्रती को शुक्रवार के दिन सफेद वस्त्र पहनने चाहिए।
  • इस दिन चावल, दूध, दही, मिश्री और मिठाई का सेवन करना शुभ माना जाता है।
  • मांसाहार, शराब, तामसिक भोजन से परहेज करें।
  • व्रत के दौरान पूर्ण संयम और सात्त्विक आचरण रखें।
  • दिनभर फलाहार या केवल एक समय भोजन किया जा सकता है।

शुक्रवार व्रत में विशेष उपाय

  1. धन लाभ के लिए – मां लक्ष्मी को लाल गुलाब का फूल अर्पित करें और शंख बजाएं।
  2. वैवाहिक सुख के लिए – सुहागिन महिलाएं 16 श्रृंगार कर मां लक्ष्मी को चूड़ियां और बिंदी अर्पित करें।
  3. ऋण मुक्ति के लिए – पीले वस्त्र में चावल बांधकर मंदिर में दान करें।
  4. शुक्र ग्रह की शांति के लिए – गरीब कन्याओं को सफेद वस्त्र और मिठाई दान करें।

शुक्रवार व्रत से मिलने वाले लाभ

  • घर में धन-धान्य और सुख-समृद्धि की वृद्धि।
  • वैवाहिक जीवन में प्रेम और सामंजस्य।
  • व्यापार और नौकरी में उन्नति।
  • मानसिक शांति और आत्मविश्वास की प्राप्ति।
  • शुक्र ग्रह के अशुभ प्रभाव का नाश।

शुक्रवार व्रत से जुड़े धार्मिक नियम

  • व्रत के दिन किसी का अपमान न करें।
  • गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन अवश्य कराएं।
  • घर में सफाई का विशेष ध्यान रखें, क्योंकि मां लक्ष्मी स्वच्छता में ही निवास करती हैं।
  • व्रत करते समय मन और वाणी की पवित्रता बनाए रखें।

शुक्रवार व्रत और ज्योतिषीय दृष्टि

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जिन व्यक्तियों की कुंडली में शुक्र ग्रह नीच का हो या पाप ग्रहों से पीड़ित हो, उन्हें जीवन में आर्थिक और वैवाहिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे में शुक्रवार का व्रत करने से शुक्र ग्रह बलवान होता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

शुक्रवार व्रत के दौरान क्या न करें

  • तामसिक भोजन, जैसे प्याज, लहसुन, मांस, शराब का सेवन न करें।
  • झूठ, कपट और चुगली से बचें।
  • घर में गंदगी या बिखराव न रखें।
  • बिना कारण किसी को दुख न पहुंचाएं।

आधुनिक जीवन में शुक्रवार व्रत का महत्व

आज के समय में जब हर व्यक्ति आर्थिक उन्नति और सुख की तलाश में है, तब शुक्रवार का व्रत एक सरल और प्रभावी साधन है। यह व्रत व्यक्ति के जीवन में न केवल भौतिक सुख देता है, बल्कि मानसिक शांति और आत्मबल भी प्रदान करता है।

निष्कर्ष

शुक्रवार का व्रत मां लक्ष्मी की कृपा पाने का सशक्त माध्यम है। श्रद्धा, विश्वास और नियमपूर्वक किए गए इस व्रत से व्यक्ति का जीवन सुख, समृद्धि और ऐश्वर्य से भर जाता है। यह व्रत न केवल धन-संपत्ति की वृद्धि करता है, बल्कि वैवाहिक जीवन में भी मधुरता लाता है।
जो लोग आर्थिक कठिनाइयों से जूझ रहे हैं या वैवाहिक समस्याओं से परेशान हैं, उन्हें शुक्रवार का व्रत अवश्य करना चाहिए।

Mayank Sri

Website: http://mahakaltemple.com

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