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नवरात्रि व्रत कथा: माँ दुर्गा की आराधना का महत्व

Mayank Sri Aug 21, 2025 0

Table of Contents

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  • नवरात्रि व्रत कथा
  • नवरात्रि की उत्पत्ति और पौराणिक कथा
  • नवरात्रि व्रत का महत्व
  • नवरात्रि की पूजा विधि
  • माँ दुर्गा के नौ रूप और उनकी कथा
  • नवरात्रि व्रत कथा
  • नवरात्रि का वैज्ञानिक महत्व
  • नवरात्रि के दौरान विशेष परंपराएँ
  • नवरात्रि व्रत के नियम
  • नवरात्रि व्रत करने से मिलने वाले लाभ
  • नवरात्रि और ज्योतिषीय महत्व
  • निष्कर्ष

नवरात्रि व्रत कथा

सनातन धर्म में नवरात्रि का पर्व माँ आदिशक्ति दुर्गा को समर्पित है। यह नौ दिनों का पावन पर्व शक्ति की उपासना, साधना और आत्मशुद्धि का प्रतीक माना जाता है। नवरात्रि केवल धार्मिक दृष्टि से ही नहीं बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसमें उपवास, भक्ति, साधना और कथा-पाठ का विशेष महत्व है।
माँ दुर्गा की पूजा करने से साधक को जीवन में सफलता, शांति, समृद्धि और आत्मबल की प्राप्ति होती है।

नवरात्रि की उत्पत्ति और पौराणिक कथा

नवरात्रि की पौराणिक कथा माँ दुर्गा और महिषासुर के युद्ध से जुड़ी है।

एक समय असुरराज महिषासुर ने कठोर तपस्या कर भगवान ब्रह्मा से अजेय होने का वरदान प्राप्त कर लिया। इस वरदान के बाद वह देवताओं और ऋषियों पर अत्याचार करने लगा। उसके आतंक से त्राहि-त्राहि मच गई। तब देवताओं ने अपनी शक्तियों को मिलाकर माँ दुर्गा का आह्वान किया। माँ दुर्गा ने महिषासुर के साथ नौ दिनों तक भीषण युद्ध किया और दशमी के दिन उसका वध किया।
इसी विजय को “विजयादशमी” या “दशहरा” कहा जाता है और इससे पहले के नौ दिन “नवरात्रि” कहलाते हैं।

नवरात्रि व्रत का महत्व

नवरात्रि व्रत रखने का विशेष महत्व बताया गया है:

  • यह व्रत साधक को आत्मिक शक्ति और मानसिक शांति प्रदान करता है।
  • माँ दुर्गा की कृपा से दुश्मनों पर विजय और जीवन में सफलता मिलती है।
  • उपवास और साधना से शरीर की शुद्धि होती है और स्वास्थ्य लाभ मिलता है।
  • नवरात्रि व्रत करने से पारिवारिक सुख-शांति और धन-समृद्धि प्राप्त होती है।

नवरात्रि की पूजा विधि

1. कलश स्थापना

नवरात्रि की शुरुआत घट स्थापना या कलश स्थापना से होती है। कलश को माँ दुर्गा का प्रतीक माना जाता है।

2. अखंड ज्योति प्रज्वलन

पूरे नौ दिनों तक अखंड ज्योति जलाकर माता की आराधना की जाती है।

3. दुर्गा सप्तशती का पाठ

नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती का पाठ करने का विशेष महत्व है। इससे जीवन की सभी बाधाएँ दूर होती हैं।

4. कन्या पूजन

अष्टमी या नवमी को कन्याओं का पूजन किया जाता है, जो माँ दुर्गा के नौ रूपों का प्रतीक हैं।

माँ दुर्गा के नौ रूप और उनकी कथा

नवरात्रि में माँ दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है:

  1. शैलपुत्री – पर्वतराज हिमालय की पुत्री, प्रथम शक्ति।
  2. ब्रह्मचारिणी – तपस्विनी रूप, ज्ञान और भक्ति की देवी।
  3. चंद्रघंटा – शांति और साहस की प्रतीक।
  4. कूष्मांडा – सृष्टि की उत्पत्ति करने वाली।
  5. स्कंदमाता – भगवान कार्तिकेय की माता।
  6. कात्यायनी – दुष्टों का संहार करने वाली।
  7. कालरात्रि – अंधकार और भय का नाश करने वाली।
  8. महागौरी – शुद्धता और पवित्रता की प्रतीक।
  9. सिद्धिदात्री – सभी सिद्धियों की प्रदायिनी।

नवरात्रि व्रत कथा

नवरात्रि व्रत कथा सुनना और सुनाना अत्यंत फलदायी माना जाता है।
एक समय की बात है – एक राजा था जो बहुत ही धार्मिक प्रवृत्ति का था। वह हर साल नवरात्रि का व्रत रखता और पूरे विधि-विधान से पूजा करता। उसकी भक्ति देखकर माँ दुर्गा प्रसन्न हुईं और उसे राजसुख, समृद्धि और शत्रुओं पर विजय का वरदान दिया।
इस कथा का सार यह है कि जो भी भक्त श्रद्धा और विश्वास के साथ नवरात्रि का व्रत करता है, उसे माँ दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

नवरात्रि का वैज्ञानिक महत्व

  • उपवास करने से शरीर की डिटॉक्सिफिकेशन होती है।
  • मौसम बदलने के समय उपवास से स्वास्थ्य मजबूत रहता है।
  • मंत्रोच्चार और ध्यान से मानसिक तनाव दूर होता है।
  • सकारात्मक ऊर्जा और आत्मबल बढ़ता है।

नवरात्रि के दौरान विशेष परंपराएँ

  • गुजरात में गरबा और डांडिया का आयोजन।
  • बंगाल में दुर्गा पूजा पंडाल और देवी प्रतिमाओं की भव्य सजावट।
  • उत्तर भारत में रामलीला और दशहरे का उत्सव।
  • दक्षिण भारत में बॉम्बे (गोलू) की परंपरा, जिसमें देवी-देवताओं की मूर्तियाँ सजाई जाती हैं।

नवरात्रि व्रत के नियम

  • व्रत के दौरान सात्विक भोजन करना चाहिए।
  • मांस, शराब, प्याज और लहसुन से परहेज़ करना चाहिए।
  • रोजाना माँ दुर्गा के मंत्रों का जाप करना चाहिए।
  • ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।

नवरात्रि व्रत करने से मिलने वाले लाभ

  • जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है।
  • साधक को आत्मिक बल और आत्मविश्वास मिलता है।
  • परिवार में आपसी प्रेम और सौहार्द बढ़ता है।
  • कार्यक्षेत्र में सफलता और उन्नति प्राप्त होती है।
  • आध्यात्मिक उन्नति और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

नवरात्रि और ज्योतिषीय महत्व

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नवरात्रि में ग्रह-नक्षत्रों की विशेष स्थिति होती है। इस दौरान की गई पूजा और साधना से ग्रह दोषों का निवारण होता है और जीवन में सकारात्मकता आती है।

निष्कर्ष

नवरात्रि व्रत और पूजा केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं बल्कि जीवन को सकारात्मक बनाने का साधन है। यह पर्व हमें सिखाता है कि बुराई चाहे कितनी भी शक्तिशाली क्यों न हो, अंततः अच्छाई और धर्म की विजय होती है। माँ दुर्गा की कृपा से भक्त के जीवन में शक्ति, शांति और समृद्धि का संचार होता है।
इसलिए नवरात्रि व्रत कथा को सुनना और इसका पालन करना हर किसी के लिए कल्याणकारी है।

Mayank Sri

Website: http://mahakaltemple.com

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