Skip to content
  • Thursday, 13 November 2025
  • 8:46 pm
  • Follow Us
Bhasma Aarti & Daily Puja at Mahakal Temple
  • Home
  • Astrology
    • Free Janam Kundali
    • जानें आज का राशि फल
    • Route & Travel Guide
  • Home
  • हरे कृष्ण, हरे राम महा मंत्र
  • “माँ विंध्यवासिनी देवी धाम: श्रद्धा, शक्ति और संस्कृति का अद्भुत संगम”
  • 🌺 माँ कामाख्या देवी मंदिर — शक्ति, भक्ति और रहस्य का संगम
  • Mark Your Calendars: Krishna Janmashtami 2025 Falls on [Specific Date]
  • Celebrating Krishna Janmashtami 2025: Date, Significance, and Festivities
  • करवा चौथ 2025: रात 8 बजकर 13 मिनट पर निकलेगा चाँद
news

हरे कृष्ण, हरे राम महा मंत्र

Pinki Mishra Sep 15, 2025 0
हरे कृष्ण

Table of Contents

Toggle
      • 1. परिचय
  • 2. हरे कृष्ण हरे राम महा मंत्र क्या है?Newsletter
      • 3. वैदिक और पुराणों में उल्लेख
      • 4. चैतन्य महाप्रभु और महा मंत्र का प्रसारमहाकाल महालोक : 47 हेक्टेयर में फैला आध्यात्मिक वैभव और कला
      • 5. संतों की वाणी और महिमा
      • 6. महा मंत्र जप की विधि
      • 7. जप के नियम और अनुशासन
      • 8. महा मंत्र के लाभPhoto & Video
      • 9. भक्ति आंदोलन और महा मंत्र
      • 10. संतों के अनुभव और उपदेश
      • 11. आधुनिक जीवन में महा मंत्र का प्रभाव
      • 12. वैज्ञानिक दृष्टिकोण
      • 13. विश्व भर में हरे कृष्ण आंदोलन
      • 14. व्यक्तिगत साधना में महा मंत्र का स्थानMahakal Temple Ujjain – Darshan, Aarti & Online Puja
      • 15. निष्कर्ष

1. परिचय

भारत की आध्यात्मिक परंपरा में मंत्र-जप का विशेष स्थान है। वेदों, उपनिषदों और पुराणों में मंत्र को दिव्य शक्ति का स्रोत माना गया है। मंत्र केवल शब्द नहीं, बल्कि ध्वनि-ऊर्जा है जो साधक के हृदय को शुद्ध कर उसे ईश्वर से जोड़ती है। इन्हीं मंत्रों में सबसे सरल, सहज और प्रभावशाली है हरे कृष्ण, हरे राम महा मंत्र।

यह मंत्र केवल एक जप नहीं बल्कि भक्ति का सजीव माध्यम है। इसे संकीर्तन-युगधर्म कहा गया है। महा मंत्र का स्मरण मनुष्य को सांसारिक दुखों से मुक्त कर आत्मिक आनंद और मोक्ष की ओर ले जाता है।


2. हरे कृष्ण हरे राम महा मंत्र क्या है?Newsletter

महा मंत्र इस प्रकार है:

हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे।
हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे॥

यह 16 शब्दों और 32 अक्षरों का मंत्र है। इसमें ‘हरे’, ‘कृष्ण’ और ‘राम’ तीन दिव्य नामों का संकीर्तन है।

  • हरे – शक्ति या ऊर्जा का प्रतीक, जो भगवान की आंतरिक शक्ति श्रीमति राधारानी को दर्शाता है।
  • कृष्ण – जो सर्वाधिक आकर्षक हैं, समस्त आनंद और प्रेम के अधिष्ठाता।
  • राम – जो आनंदस्वरूप हैं, अनंत सुख देने वाले।

अर्थात यह मंत्र ईश्वर और उनकी शक्ति दोनों का स्मरण कराता है।


3. वैदिक और पुराणों में उल्लेख

श्रीमद्भागवत महापुराण, कलियुग धर्म को समझाते हुए कहता है कि इस युग में केवल नाम-संकीर्तन ही मोक्षदायी है:

“कृते यद ध्यायतो विष्णुं त्रेतायां यजतो मखैः।
द्वापरे परिचर्यायां कलौ तद् हरिकीर्तनात्॥”

अर्थात सत्ययुग में ध्यान, त्रेतायुग में यज्ञ, द्वापरयुग में पूजा और कलियुग में केवल हरि-नाम संकीर्तन ही मुक्ति का साधन है।


4. चैतन्य महाप्रभु और महा मंत्र का प्रसारमहाकाल महालोक : 47 हेक्टेयर में फैला आध्यात्मिक वैभव और कला

15वीं शताब्दी में श्री चैतन्य महाप्रभु ने महा मंत्र को जन-जन तक पहुँचाया। वे कहते थे:

“हरे नाम, हरे नाम, हरे नाम एव केवलम्।
कलौ नास्त्येव नास्त्येव नास्त्येव गतिरन्यथा॥”

अर्थात कलियुग में केवल भगवान का नाम ही उद्धार कर सकता है। महाप्रभु ने संकीर्तन आंदोलन शुरू किया, जिसमें साधक नाचते-गाते हुए महा मंत्र जपते थे।


5. संतों की वाणी और महिमा

भारत के संतों ने महा मंत्र की महिमा गाई है:

  • तुलसीदास कहते हैं:
    “नाम तुलसी सुमिरन करु, सब सुख घर माहीं।
    राम बिनु और न औषधि, रोग मिटावन नाहीं॥”
  • कबीरदास ने कहा:
    “राम नाम रस पीजिए, सब रस भूल जाइ।
    राम रस पीया न जाए तो, जग में रस कछु नाइ॥”
  • मीरा बाई का जीवन ही कृष्ण-भक्ति और नाम-स्मरण का उदाहरण है। वे कहती हैं:
    “मेरे तो गिरधर गोपाल, दूसरो न कोई।”
  • सूरदास ने कृष्ण-नाम का गान करते हुए लिखा:
    “जसोदाजी के लाल, सबही रसखान॥”

इन संतों की वाणी में नाम-जप की महिमा प्रत्यक्ष दिखाई देती है।


6. महा मंत्र जप की विधि

  • प्रातःकाल स्नान करके शांत स्थान पर बैठें।
  • तुलसी की माला से 108 बार जप करें।
  • ध्यान भगवान के रूप, लीलाओं और नाम पर रखें।
  • जप करते समय मन को इधर-उधर न भटकाएँ।

7. जप के नियम और अनुशासन

  • शुद्ध आहार-विहार अपनाएँ।
  • सात्त्विक जीवनशैली रखें।
  • नित्य एक ही समय पर जप करें।
  • श्रद्धा और विश्वास के साथ मंत्र जपें।

8. महा मंत्र के लाभPhoto & Video

आध्यात्मिक लाभ:

  • आत्मा को शुद्ध करता है।
  • जन्म-मरण के बंधन से मुक्ति देता है।
  • ईश्वर से प्रत्यक्ष संबंध स्थापित करता है।

मानसिक लाभ:

  • तनाव, चिंता और भय को दूर करता है।
  • मन को स्थिर और एकाग्र बनाता है।
  • हृदय में प्रेम और करुणा जागृत करता है।

शारीरिक लाभ:

  • नियमित जप से मस्तिष्क शांत रहता है।
  • नींद और मानसिक स्वास्थ्य सुधरता है।
  • शरीर में ऊर्जा और संतुलन बढ़ता है।

9. भक्ति आंदोलन और महा मंत्र

महा मंत्र ने भक्ति आंदोलन को गति दी। संतों और महात्माओं ने इसे जन-जन तक पहुँचाया। संकीर्तन मंडलियों में सामूहिक जप से वातावरण पवित्र होता है। यह केवल व्यक्तिगत साधना नहीं बल्कि सामाजिक एकता का साधन भी है।


10. संतों के अनुभव और उपदेश

संतों ने अनुभव किया कि महा मंत्र के जप से:

  • अंतःकरण निर्मल होता है।
  • भक्ति और प्रेम प्रबल होते हैं।
  • सांसारिक मोह-माया दूर होती है।

11. आधुनिक जीवन में महा मंत्र का प्रभाव

आज के युग में जहाँ तनाव, प्रतियोगिता और भागदौड़ है, महा मंत्र मानसिक शांति और संतुलन प्रदान करता है। आईटी, कॉर्पोरेट और विदेशों में रहने वाले लोग भी ध्यान और जप के माध्यम से इससे लाभान्वित हो रहे हैं।


12. वैज्ञानिक दृष्टिकोण

अनुसंधान बताते हैं कि:

  • मंत्र-जप से अल्फा वेव्स उत्पन्न होती हैं, जिससे मन शांत होता है।
  • रक्तचाप और हृदय गति सामान्य रहती है।
  • सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

13. विश्व भर में हरे कृष्ण आंदोलन

इस्कॉन (ISKCON) द्वारा महा मंत्र आज पूरी दुनिया में फैला है। अमेरिका, यूरोप, एशिया, अफ्रीका – हर जगह लोग महा मंत्र का जप कर रहे हैं। यह आंदोलन विश्व-शांति और आध्यात्मिक जागरण का साधन बन चुका है।


14. व्यक्तिगत साधना में महा मंत्र का स्थानMahakal Temple Ujjain – Darshan, Aarti & Online Puja

  • प्रतिदिन कम से कम 16 माला जप (इसकॉन परंपरा)।
  • प्रातःकाल और संध्या समय जप।
  • सामूहिक कीर्तन में सहभागिता।

15. निष्कर्ष

हरे कृष्ण, हरे राम महा मंत्र केवल शब्द नहीं बल्कि ईश्वर से मिलने का सेतु है। यह मनुष्य के जीवन को शुद्ध, सरल और आनंदमय बनाता है। चैतन्य महाप्रभु से लेकर आधुनिक संतों तक सभी ने इसकी महिमा गाई है।

कलियुग में जहाँ धर्म और शांति के साधन दुर्लभ हैं, वहाँ केवल यही महामंत्र उद्धार का मार्ग है। जो कोई श्रद्धा और प्रेम से इसका जप करता है, वह निश्चित ही परमात्मा की कृपा और आनंद का अधिकारी बनता है।

हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे।
हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे॥

Pinki Mishra

Website: http://mahakaltemple.com

Related Story
news
“माँ विंध्यवासिनी देवी धाम: श्रद्धा, शक्ति और संस्कृति का अद्भुत संगम”
Pinki Mishra Nov 13, 2025
news
🌺 माँ कामाख्या देवी मंदिर — शक्ति, भक्ति और रहस्य का संगम
Pinki Mishra Nov 13, 2025
Krishna Janmashtami
news
Mark Your Calendars: Krishna Janmashtami 2025 Falls on [Specific Date]
mahakaltemple.com Nov 4, 2025
news
Celebrating Krishna Janmashtami 2025: Date, Significance, and Festivities
mahakaltemple.com Oct 29, 2025
करवा चौथ 2025
news Cultural Practices Festivals Festivals and Traditions
करवा चौथ 2025: रात 8 बजकर 13 मिनट पर निकलेगा चाँद
Mayank Sri Oct 9, 2025
news
करवा चौथ 2025: व्रत कब है और कैसे करें?
Mayank Sri Oct 9, 2025
Navratri 4th Day : maa kushmanda
news
Navratri 4th Day : नवरात्रि का चौथा दिन माँ कूष्माण्डा की पूजा विधि, कथा और मंत्र
Mayank Sri Sep 25, 2025
news
माँ ब्रह्मचारिणी : तपस्या और साधना का दिव्य स्वरूप
Pinki Mishra Sep 24, 2025
news
माँ चंद्रघंटा : शक्ति का दिव्य स्वरूप
Pinki Mishra Sep 24, 2025
news
नवरात्रि का तीसरा दिन: जानें माँ चंद्रघंटा की पूजा विधि, व्रत कथा और मंत्र
Mayank Sri Sep 23, 2025

Leave a Reply
Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

YOU MAY HAVE MISSED
news
“माँ विंध्यवासिनी देवी धाम: श्रद्धा, शक्ति और संस्कृति का अद्भुत संगम”
Pinki Mishra Nov 13, 2025
news
🌺 माँ कामाख्या देवी मंदिर — शक्ति, भक्ति और रहस्य का संगम
Pinki Mishra Nov 13, 2025
Krishna Janmashtami
news
Mark Your Calendars: Krishna Janmashtami 2025 Falls on [Specific Date]
mahakaltemple.com Nov 4, 2025
news
Celebrating Krishna Janmashtami 2025: Date, Significance, and Festivities
mahakaltemple.com Oct 29, 2025